एजुकेशन

पत्रकारिता विश्वविद्यालय में प्रोग्रामर, स्टेनोग्राफर सहित कई पदों में गड़बड़ी, राज्यपाल व सीएम से शिकायत

रायपुर। कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता विश्वविद्यालय एक बार फिर सुर्खियों में दिखाई दे रहा है. राजधानी रायपुर के संजय नगर निवासी राहुल गिरी गोस्वामी ने राज्यपाल अनुसुइया उइके,मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और उच्च शिक्षा विभाग के सचिव को पत्र लिखते हुए पत्रकारिता विश्वविद्यालय में रीडर, कंप्यूटर प्रोग्रामर, स्टेनोग्राफर सहित कई पदों में गड़बड़ी की शिकायत की है.

शिकायत के अनुसार कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता विश्वविद्यालय में नियुक्ति में व्यापक स्तर में गड़बड़ी की बात कही गई है जिसमें विश्वविद्यालय में तत्कालीन कुलपति और कुलसचिव ने उच्च शिक्षा विभाग और यूजीसी के मापदंडों को दरकिनार करते हुए अपने चहेतों को नौकरी देने का आरोप लगाया गया है. साथ ही पत्र में यह भी लिखा गया है कि विश्वविद्यालय में ड्राइवर चपरासी लिपिक स्टेनोग्राफर की नियुक्ति में फर्जीवाड़ा किया गया है वहीं शैक्षणिक पदों में नियुक्त असिस्टेंट प्रोफेसर, लीडर प्रोफेसर लेक्चरर और कंप्यूटर प्रोग्रामर की नियुक्ति पर नियमों की अनदेखी की गई है.

राहुल गिरी गोस्वामी ने पत्र लिखकर शिकायत करते हुए कहा कि तत्कालीन कुलपति सच्चिदानंद जोशी ने यूजीसी द्वारा निर्धारित शैक्षणिक योग्यता ना रखने वाले अभ्यर्थियों को अध्यापक नियुक्त किया है. जिसके उनके पास दस्तावेज भी मौजूद हैं. साथ ही कुलपति जोशी ने फर्जी डिग्री धारी एवं तृतीय श्रेणी में उत्तीर्ण अभ्यार्थियों को भी विश्वविद्यालय में महत्वपूर्ण पद पर नियुक्त किया है.

आशुतोष मंडावी का चयन में नियमों से परे-

पत्र में विस्तार से बताया गया कि कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता विश्वविद्यालय के जनसंपर्क और विज्ञापन विभाग के लेक्चरर के रूप में आशुतोष मंडावी को नियुक्त किया. आशुतोष मंडावी ने हायर सेकेंडरी परीक्षा में तृतीय श्रेणी से पास किया था जबकि लेक्चरर की आवश्यकता अनुसार न्यूनतम योग्यता प्रथम श्रेणी से उत्तीर्ण होना आवश्यक होता है विश्वविद्यालय की स्कूटनी समिति में आशुतोष मंडावी का चयन में नियमों से परे आठ अंक दिया जबकि तृतीय श्रेणी के अभ्यर्थियों को पांच नंबर देने का प्रावधान है. इसके साथ ही आशुतोष मंडावी को नियमानुसार 2 वर्ष का प्रशासनिक अनुभव होना आवश्यक है लेकिन मंडावी के पास 1 वर्ष का ही अनुभव है.

वहीं दूसरी और पत्रकारिता विभाग के रीडर पंकज नयन पांडे को स्कूटनी समिति ने अयोग्य घोषित किया था इसके बाद भी पंकज नैन पांडे को सच्चिदानंद जोशी ने इंटरव्यू में शामिल किया था और उनका चयन करवाया गया है इसी प्रकार जनसंपर्क विभाग में लेक्चरर बने नरेंद्र त्रिपाठी को भी नियमों को ताक में रखकर नियुक्त किया गया है.

डॉक्टर शाहिद अली पर जालसाजी और धोखाधड़ी जैसे प्रकरण दर्ज-

वही पत्र में कहा गया कि जनसंचार विभाग के रीडर डॉ शाहिद अली ने गुरु घासीदास विश्वविद्यालय में अध्यापन कार्य का अनुभव प्रमाण पत्र के आधार पर विश्व विद्यालय में नियुक्त हुए हैं लेकिन उनके पास जो प्रमाण पत्र पाया गया है वह फर्जी है जिसे डॉ गोपा बागची ने जारी किया था जो कि उनकी पत्नी है वहीं वर्तमान में डॉक्टर शाहिद अली पर जालसाजी और धोखाधड़ी जैसे प्रकरण दर्ज हैं.

वही मैनेजमेंट विभाग के अभिषेक दुबे को व्याख्याता बनाने के लिए स्कूटनी समिति नेट क्वालिफाइड और गोल्ड मेडलिस्ट अभ्यर्थियों को बाहर कर दिया था जबकि अभिषेक दुबे नेट में उत्तरण भी नहीं थे उसके बाद भी उनका चयन किया गया है.इन सभी आधार पर विश्वविद्यालय के ऐसे बड़े पदों पर कार्यरत साथ ही विश्वविद्यालय के तत्कालीन कुलपति और कुलसचिव पर नियमों को दरकिनार कर आयोग अभ्यर्थी को नियुक्त करने की शिकायत की गई है.

दोषियों पर होगी कठोर कार्यवाहीः हनी बग्गा

वहीं इस पूरे मामले के लेकर विश्वविद्यालय में छात्र राजनीती में सक्रिय NSUI के राष्ट्रीय संयोजक हनी परमीत बग्गा ने बतया कि जिन दिन से विश्वविद्यालय की स्थापना हुई थी उस दिन से इनकी नियुक्ती के खिलाफ लगातार शिकायत की जा रही है. पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह के कार्यकाल में ऐसे लोगों को सह देने का कार्य किया गया है. हनी बग्गा ने कहा कि वर्तमान भूपेश बघेल की सरकार है और इस सरकार में फर्जी तरीके  से नियुक्ती लेकर कार्य करने वाले सभी दोषियों पर कार्यवाई की जाएगी.

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