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बच्चों को उत्कृष्ट शिक्षा देने के साथ-साथ उनके व्यक्तित्व का निर्माण भी करना हमारा उद्देश्य : मुख्यमंत्री बघेल

रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज यहां अपने निवास कार्यालय से वर्चुअल कार्यक्रम के माध्यम से स्वामी आत्मानंद शासकीय इंग्लिश स्कूल मुंगेली का लोकार्पण किया। इसका निर्माण लगभग 5 करोड़ रूपए की राशि से किया गया है। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर जिला प्रशासन मुंगेली द्वारा प्रकाशित कैरियर मार्गदर्शिका का विमोचन किया और स्कूली बच्चों को बधाई देते हुए उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की। मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम के दौरान स्वामी आत्मानंद शासकीय इंग्लिश स्कूल मुंगेली के छात्र-छात्राओं से बात-चीत कर उन्हें प्रोत्साहित भी किया। वर्चुअल कार्यक्रम में नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक भी जुड़े। इस अवसर पर स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम, पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री टी.एस. सिंहदेव, मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव सुब्रत साहू तथा प्रमुख सचिव स्कूल शिक्षा डॉ. आलोक शुक्ला भी उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री श्री बघेल ने वर्चुअल लोकार्पण समारोह को सम्बोधित करते हुए कहा कि राज्य सरकार प्रदेश के हर बच्चे तक गुणवत्तापूर्ण शिक्षा पहुंचाने के लिए कृत-संकल्पित है। सरकार इस दिशा में लगातार प्रयास भी कर रही है। उन्होंने बताया कि राज्य के गरीब से गरीब बच्चे को निजी स्कूलों की तरह सुविधाएं मिले, वे भी अंग्रेजी माध्यम से पढ़ाई कर भावी प्रतियोगिताओं के लिए स्वयं को तैयार कर सकें, इसके लिए स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूलों की स्थापना की गई है। राज्य में शिक्षा के क्षेत्र में अवसरों की असमानता को दूर करने के लिए हमारी सरकार ने स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूलों की श्रृंखला स्थापित करने का जो काम शुरू किया था, आज हमने उसी दिशा में एक और कदम बढ़ाया है। उन्होंने बताया कि पिछले साल हमने राज्य में 52 स्वामी आत्मानंद शासकीय इंग्लिश स्कूल स्थापित किए थे। अब इस साल 119 और स्कूल शुरू किए जा रहे हैं। इस प्रकार राज्य में ऐसे विशेष स्कूलों की संख्या बढ़कर अब 171 हो चुकी है।

मुख्यमंत्री बघेल ने इस अवसर पर आगे कहा कि हमारा उद्देश्य बच्चों को उत्कृष्ट शिक्षा देने के साथ-साथ उनके व्यक्तित्व का निर्माण भी करना है। इसमें स्कूल के परिवेश को इस तरह विकसित किया जा रहा है, जिससे हर बच्चा अपने व्यक्तित्व का चहुंमुखी विकास कर सकें। उन्होंने बताया कि इसके तहत राज्य में सत्र 2020-21 में संचालित 52 स्कूलों में कक्षा पहली से 12वीं तक 20 हजार से अधिक बच्चों ने प्रवेश लिया था। नये खोले जा रहे 119 स्कूलों में प्रवेश की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि अभी कोरोना-काल में सभी क्षेत्रों के साथ-साथ शिक्षा के क्षेत्र में भी चुनौतियों का सामना करना पड़ा। बच्चों की शिक्षा भी प्रभावित हुई। राज्य सरकार ने पढ़ई तुंहर दुआर कार्यक्रम के माध्यम से ऐसे व्यवस्था की कि बच्चों को सतत रूप से शिक्षा मिलती रहे। कोविड-काल में बहुत से बच्चों ने अपने अभिभावकों को खो दिया है। कोरोना ने उनकी शिक्षा और भविष्य को लेकर भी संकट खड़ा कर दिया है। राज्य सरकार ने ऐसे बच्चों को चिन्हित कर उनके शिक्षा और भविष्य निर्माण की जिम्मेदारी उठाई है। इसके लिए ‘छत्तीसगढ़ महतारी दुलार योजना’ शुरु की गई है। इसके अंतर्गत बच्चों को निःशुल्क शिक्षा देने के साथ-साथ छात्रवृत्ति भी दी जाएगी। कोरोना से अपने अभिभावकों को खो देने वाले बच्चे यदि स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल में प्रवेश के लिए आवेदन करते हैं, तो उन्हें प्रवेश में सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाएगी।

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री टी.एस. सिंहदेव ने कहा कि वर्तमान की आवश्यकता के अनुरूप बच्चों को बेहतर शिक्षा के अवसर उपलब्ध कराने में स्वामी आत्मानंद स्कूल का अहम योगदान होगा। इसी तरह स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम ने कहा कि हमारी सरकार बच्चों को अच्छी और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराने के लिए सतत् प्रयासरत है। इस अवसर पर नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने मुंगेली में स्वामी आत्मानंद इंग्लिश स्कूल के खुलने पर बधाई और शुभकामनाएं दी। कार्यक्रम को विधायक धरमजीत सिंह, विधायक पुन्नूलाल मोहले तथा सांसद अरूण साव ने भी सम्बोधित किया।

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