मानसून यानि झमाझम भीगते मौसम का आनंद। अदरक वाली गर्मा गर्म चाय और पकौड़ों के स्वाद का आनंद। मानसून के मौसम बारिश की बूंदों के साथ लजीज स्वाद की भी जमकर बारिश होती है। लेकिन यही बारिश सेहत के लिए भारी नुकसानदायक साबित होती है। डायटीशियन रेनुका डंग के अनुसार तो बारिश का मौसम सबसे ज्यादा पेट को इफेक्ट करने वाला होता है। इस मौसम में तरह- तरह के इंफेक्शन का डर रहता है। मानसून के मौसम गर्मियों के बाद आता है तो बहुत तेजी से मौसम में बदलाव होता है। बरसात का मौसम होता तो सुहाना है लेकिन अपने साथ यह कई बीमारियों को भी साथ लेकर आता है। ज्यादातर बीमारियों का कारण पेट होता है। मानसून के मौसम में खान-पान के संबंध में गर्मी के मौसम से ज्यादा सतर्कता बरतनी चाहिए।
एक्सपर्ट्स की माने तो बारिश का मौसम सबसे ज्यादा पेट को इफेक्ट करने वाला होता है। इस मौसम में तरह-तरह के इंफेक्शन का डर रहता है। खान-पान में उचित परिवर्तन तथा सतर्कता से मानसून के मौसम में होने वाली समस्याओं से बचा जा सकता है।
मानसून के मौसम में ज्यादातर बीमारियां पानी की वजह से होती हैं। हमारा खान-पान कैसा है यह भी बहुत मायने रखता है। गर्मी के मौसम में जैसा हम खान-पान पसंद करते हैं वैसा ही इस मौसम में भी पसंद आता है, जैसे ठंडा पानी, जूस, शेक और ढ़ेर सारा पानी और बहुत सारे फल और सब्जियां जो हमारे शरीर को हाइड्रेटेड रखें। इन सबके बावजूद इस मौसम में इंफेक्शन से ज्यादा खतरा रहता है इसलिए रोग प्रतिरोधक क्षमता बनाए रखना ज्यादा महत्वपूर्ण होता है। इस मौसम में ज्यादातर फ्लू, खांसी और बुखार जैसी संक्रामक बीमारी होने का डर रहता है।
डाइटीशियन के 16 डाइट टिप्स-
– हमेशा ताजा और गर्म खाना खाएं।
– खाने में अगर किसी प्रकार की दुर्गंध है तो न खाएं। बरसात के मौेसम में समोस, पकौड़े हर किसी को लुभाते हैं इनसे बचें क्योंकि यह आपके गले और पेट की बीमारियों का कारण बन सकते हैं।
– ढोकला, पफेड राइस और तले हुए स्नैक की जगह हमारे समाज के कुछ पुराने स्नैक्स हैं जो हिंग और लहसुन के तड़के साथ बनाए जाते हैं, जैसे रसम और प्रोटीन युक्त स्नैक इनको अपनी डायट में शामिल करें।
-सामान्य तापमान में रखे फूड का उपयोग करें, बहुत ज्यादा ठंडे फूड या पेय पदार्थ से बचें। जैसे फ्रिज में बहुत दिनों से रखे आइसक्रिम, ठंडे जूस, काफी इत्यादी का उपयोग न करें।
– बहुत देर से कटे हुए सलाद का उपयोग न करें क्योंकि इस मौसम में यह बहुत जल्दी खराब हो जाता है।
– पत्तेदार सब्जियों और फूलगोभी जैसी सब्जियों को बकाने से पहले अच्छी तरह से धोकर साफ कर लें, गरम पानी में अगर धोएं तो ज्यादा बेहतर होगा।
– डायट में अगर फल या सब्जियां ले रहें तो उन्हें अच्छी तरह से साफ करके ही सेवन करें। सेब, अनार और नाशपाती जैसे फलों को ताजा काटकर ही खाएं।
– पानी उबालकर ठंडा करके पीएं या वाटर प्युरिफायर वाला पानी पीएं, बहुत ज्यादा ठंडा या फ्रिज के पानी से परहेज करें।
– संक्रमण से बचने के लिए कच्चे सलाद के बजाय उबले हुए सलाद का चयन करें।
– डायट में एक स्वस्थ स्नैक के रूप में ग्रील्ड सैंडविच, घर का बना सूप, और उबले हुए मकई का चयन करें।
– ओट्स, ब्राउन चावल, बाजरा जैसे खाद्य पदार्थ मॉनसून में हेल्दी विकल्प हैं।
– प्रोटीन और आयरन से भरपूर खाद्य पदार्थ जैसे बादाम, अखरोट, किशमिश डायट में शामिल करें।
– प्रोटीन युक्त स्नैक्स जैसे सुंदल, उबले हुए चने, राजमा, सोया उबले हुए मूंगफली, तले हुए किसी खाने की तुलना में अंडे हेल्दी विकल्प होते हैं।
– आमलेट, सूप, चिली सूप आदि में काली मिर्च का प्रयोग करें। क्योंकि इसमें जीवाणुरोधी गुण होते हैं और यह मानसून में शरीर के तापमान को सामान्य बनाए रखेगा।
– अदरक, दालचीनी, इलायची, काली मिर्च, मसाला चाय, तुलसी के पत्तों की तरह हर्बल चाय पीएं, क्योंकि इन्हें जीवाणुरोधी और एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं।
– हमेशा दूध में हल्दी मिलाकर ले क्योंकि इसमें जीवाणुरोधी गुण होते हैं।