राजधानी में अवैध प्लाटिंग पर कार्रवाई, रजिस्ट्री में आई गिरावट
रायपुर। रायपुर जिले में अवैध प्लाटिंग lपर शासन प्रशासन द्वारा नकेल कसते ही जमीन खरीदी बिक्री में गिरावट आ गई है। क्योंकि अवैध प्लाटिंग करने वालों पर कार्रवाई की जा रही है। वर्तमान में अवैध प्लाटिंग करने वालों के खिलाफ रायपुर जिले के अलग-अलग पुलिस थानों में दो दर्जन से अधिक अपराध दर्ज किए गए हैं।
इसलिए जुलाई की तुलना में अगस्त माह में रजिस्ट्री में कमीं आ गई है। जुलाई माह में 6100 रजिस्ट्री की गई थीं, वहीं अगस्त माह में यह आंकड़ा गिरकर 5323 पहुंच गया है। जुलाई माह की तुलना में अगस्त में कुल 777 रजिस्ट्री कम हुई है। रायपुर पंजीयन कार्यालय में जुलाई माह में 63 करोड़ 19 लाख 02 हजार 467 रूपये प्राप्त हुए थे, तो वहीं अगस्त माह में 62 करोड़ 02 लाख 31 हजार 176 रुपए का राजस्व प्राप्त हुआ है।
जुलाई की तुलना में अगस्त माह में 98 लाख रुपये के राजस्व की कमी आई है। ज्ञात हो कि रायपुर पंजीयन कार्यालय इस साल छह अरब 82 करोड़ लाख रुपये का टागरेट शासन से मिला है, जिसमें वर्तमान में एक अरब 49 करोड़ 50 लाख 89 हजार 680 रुपये का टारगेट पूरा किया, बल्कि पिछले साल की तुलना में इन तीन महीनों में 94 करोड़ 39 लाख हजार 900 रुपये से ऊपर की और रजिस्ट्री हुई है।
कोरोना संक्रमण के बाद जमीन खरीदी बिक्री में इजाफा हुआ था, लेकिन अवैध प्लाटिंग के खिलाफ शिकायत के बाद निगम ने अवैध प्लाटिंग करने वाले सौ से अधिक लोगों के खिलाफ पुलिस थाने में शिकयत किया है। निगम की शिकायत के बाद करीब दो दर्जन से अधिक लोगों के खिलाफ अपराध दर्ज हुआ है। अपराध दर्ज होते ही रजिस्ट्री में गिरावट आ गई है।
जानिए अवैध प्लाटिंग की सूची में फंसते हैं किसान
मिली जानकारी के मुताबिक कार्रवाई के दौरान रसूखदार बिल्डरों की बजाय उनके दलाल और सर्वाधिक किसानों के नाम आते हैं। कालोनाइजर और बिल्डर किसानों से सीधे सौदा कर टुकड़ों- टुकड़ों में प्लाटिंग कर उसकी रजिस्ट्री कराते हैं। इसका फायदा यह रहता है कि एकड़ के भाव में खरीदी गई जमीन की वह कई गुना दर पर वर्गफुट में बिक्री करने में सफल रहते हैं और उनकी संलग्नता भी नजर नहीं आती। इसके साथ ही यदि शासन अवैध प्लाटिंग पर कार्रवाई करता है तो बिल्डर या फिर कालोनाइजर के खिलाफ कार्रवाई ना होकर जमीन मलिक के खिलाफ ही कार्रवाई होती है।
पंजीयक कार्यालय से मिली जानकारी के मुताबिक इस साल कछना, शंकर नगर, तेलीबांधा, मठपुरैना, अमलीडीह, धरमपुरा, माना एवं आउटर के क्षेत्र में अधिक रजिस्ट्री हुई है। क्योंकि इन इलाकों में ही नई-नई कालोनियां बस रही हैं। वहीं दूसरी तरफ शहर के जय स्तंभ चौक के आस-पास पिछले कई महीनों से एक भी रजिस्ट्री नहीं हुई है।
आनलाइन अप्वाइंमेंट सिस्टम प्रभावी है। इसके बाद भी मासिक आय में लगातार वृद्धि हो रही है। शासन की तरफ से जो लक्ष्य मिला है हम लगातार उसकी तरफ बढ़ रहे हैं।