रायपुर । छत्तीसगढ़ में साल के अंत में विधानसभा चुनाव होना हैं। लिहाजा प्रदेश में सत्ताधारी कांग्रेस पार्टी के साथ ही भाजपा मैदान में उतरकर एक-दूसरे को घेरना शुरू कर दी हैं। हाल ही में बस्तर दौर पर पहुंचे केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने सूबे की भूपेश बघेल सरकार पर धर्मांतरण सहित आदिवासियों को छलने का गंभीर आरोप लगाया था। केंद्रीय मंत्री के इस बयान के बाद एक बार फिर राजनीतिक गलियारे में बयानों का दौर जारी हैं। छत्तीसगढ़ सरकार के खाद्य मंत्री अमरजीत भगत ने केंद्रीय मंत्री के इस बयान पर पलटवार करते हुए कहा हैं कि आदिवासी किसके राज में छले गये हैं,इसे आंख खोलकर देख ले। मंत्री जी यही नही रूके उन्होने यहां तक कह दिया कि भाजपा के नेता अपनी आंखो पर हाथ रखकर कसम खाये कि अगर वो झूठ बोल रहे हैं, तो उनकी आंख फूट जाये।
गौरतलब हैं कि छत्तीसगढ़ में 15 सालों तक राज करने वाली भारतीय जनता पार्टी की सरकार को साल 2018 में करारी हार का सामना करना पड़ा था। वही सत्ता से वनवास काट रही कांग्रेस ने रिकार्ड सीटों के साथ कमबैक किया था। सूबे के मुखिया भूपेश बघेल के नेतृत्व में प्रदेश सरकार गांव,गरीब और किसान के साथ ही रोजगार, शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में बेहतर काम कर एक उदाहरण पेश करने का प्रयास कर रही हैं। साढ़े चार साल बीत जाने के बाद एक बार फिर छत्तीसगढ़ चुनावी मोड़ पर खड़ी हैं। ऐसे में कांग्रेस जहां सत्ता पर दोबारा काबिज होने के लिए लगातार अपने विकास कार्यो को लेकर आम लोगों के बीच पहुंच रही हैं। वही बीजेपी के नेता प्रदेश सरकार की योजनाओं में कमिया निकालकर सरकार को घेरने का प्रयास कर रही हैं।
आपको बता दे कि छत्तीसगढ़ में सत्ता से बाहर हुई भाजपा दोबारा सत्ता के सिंहासन पर काबिज होने के लिए राष्ट्रीय स्तर के नेता लगातार छत्तीसगढ़ में कैम्प कर रहे हैं। राष्ट्रीय स्तर के नेताओं के दौरे की इसी कड़ी में पिछले दिनों केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह छत्तीसगढ़ के बस्तर प्रवास पर रहे। इस दौरान उन्होंने बस्तर अंचल के कई क्षेत्रों का दौरा किया। वहीं अपने छत्तीसगढ़ प्रवास के दौरान केंद्रीय मंत्री ने प्रदेश सरकार पर जमकर हमला भी बोला। उन्होंने धर्मांतरण के मुद्दे पर भूपेश सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा था कि प्रदेश सरकार बस्तर से लेकर रायपुर तक आदिवासी समाज और सनातन समाज को खत्म करने का काम कर रही है। यही नहीं भूपेश बघेल सरकार ने पूरे प्रदेश में धर्मांतरण को छूट देकर रखी है। बस्तर की पहचान यहां के आदिवासी हैं, यहां की संस्कृति है। लेकिन जब से प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनी है।