हेल्थ

हार्ट अटैक का लक्षण पहचानने में चूक ले सकती है जान, जाने बचने के उपाय…

बीते दो साल में हार्ट अटैक ने लोगों के मन में दहशत पैदा कर दी है। कोरोना के बाद हेल्थ को लेकर काफी लोग सजग भी हुए हैं। हालांकि कम उम्र में दिल के दौरे से जान जानें की खबरें डॉक्टर्स के लिए भी चिंता का विषय बन चुकी हैं। अगर वजह जेनेटिक नहीं है तो हार्ट अटैक को ज्यादातर हेल्थ एक्सपर्ट्स लाइफस्टाइल डिजीज मानते हैं। थोड़ी सी सतर्कता बरती जाए तो कई केसेज में मरीज की जान बचाई जा सकती है। यहां कुछ लक्षण हैं जिनसे आप समय रहते मरीज को इलाज के लिए ले जा सकते हैं।

जानें रिस्क फैक्टर- हार्ट अटैक और एसिड या गैस के लक्षण मिलते-जुलते होते हैं। अक्सर लोग यहीं गलती कर बैठते हैं। हेल्थ एक्सपर्ट्स का मानना है कि अगर आपको गैस जैसा भी फील हो रहा हो तो घरेलू इलाज के बजाय डॉक्टर से मिल लें। अगर आपको पहले ब्लड प्रेशर या कोलेस्ट्रॉल की समस्या है तो चेस्ट पेन को और सीरियसली लेने की जरूरत है।

जरूरी नहीं लेफ्ट साइड हो दर्द- ज्यादातर लोगों को लगता है कि हार्ट अटैक में लेफ्ट साइड में सीने में दर्द होता है। हालांकि यह दर्द सीने के बीच से लेकर दाएं या बाएं हाथ, जबड़े और कंधे तक भी हो सकता है। सीने में दर्द बीच में होने की वजह से कई लोग इसे गैस या एसिड समझ लेते हैं।

पहले से दिख सकते हैं ये लक्षण- कई केसेज में मरीज को उलझन की समस्या एक-दो दिन पहले से होने लगती है और नींद आने में भी दिक्कत होती है। सीने पर आपको प्रेशर फील हो सकता है। यह दर्द फिजिकल ऐक्टिविटी करने पर बढ़ता है। डॉक्टर्स बताते हैं कि अगर आप एक पॉइंट छूकर दर्द बता पा रहे हैं तो बहुत पॉसिबल है यह किसी और वजह से हो रहा हो। हार्ट अटैक का दर्द ज्यादा जगह में फैला होता है।

डिसीजन लेने में न करें देर- दर्द के साथ अगर आपको ठंडा पसीना या उलटी हो रही है तो तुरंत डॉक्टर के पास जाएं। ब्लड प्रेशर बढ़ा है तो भी बहुत चांसेज हैं कि यह हार्ट अटैक के लक्षण हो सकते हैं। सबसे जरूरी बात पैनिक न करें और मरीज को भी न डराएं। ऐसे मौके पर सही फैसला लेने से ही जान बचाई जा सकती है। यह भी ध्यान रखें कि कई बार सिर्फ ईसीजी से हार्ट अटैक का पता नहीं भी चलता है। ऐसे में हमेशा सेकंड ओपिनियन जरूर लें। इलाज मिलने में देर दिख रही हो तो डॉक्टर की सलाह पर एस्प्रिन या डिस्प्रिन लें। अपने मन से इलाज न करें।

चाव के लिए अपनाएं ये तरीके- हार्ट अटैक या कई और लाइफस्टाइल से जुड़ी बीमारियों से बचने के लिए अपनी हेल्थ स्क्रीनिंग करवाते रहें। इसमें डॉक्टर की सलाह पर कुछ ब्लड टेस्ट करवाएं। ब्लड प्रेशर की समस्या है तो इसे भी मॉनिटर करते रहें। डायट में फलों और सब्जी की मात्रा बढ़ाएं। हफ्ते में 5 दिन 45 मिनट ब्रिस्क वॉक जरूर करें।

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