छत्तीसगढ़रायपुर

मुख्यमंत्री कौशल विकास योजना ने लिखी सफलता की इबारत. भूपेश बघेल सरकार ने 43 हजार से ज्यादा युवाओं को दिया कौशल प्रशिक्षण, 13 हजार से ज्यादा को रोजगार भी

रायपुर छत्तीसगढ़ के युवाओं के रोल मॉडल कका भूपेश बघेल ने उनकी हर स्तर पर चिंता की है. पढ़ाई की बात हो, ट्रेनिंग की बात हो, रोजगार की बात हो या नौकरी देकर आर्थिक तौर पर सशक्त बनाने की बात हो, हर मसले पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने संजीदगी से ध्यान दिया है. इसी तारतम्य में युवाओं को हुनरमंद बनाने के लिए नित नए प्रयास भूपेश बघेल सरकार कर रही है. बेहतर शिक्षा के साथ उनका कौशल उन्नयन किया जा रहा है और प्रदेश के युवाओं को रोजगार से भी जोड़ा जा रहा है. एक ओर युवाओं का आर्थिक बोझ कम करने के लिए प्रतियोगी परीक्षा पीएससी और व्यापम की परीक्षा फीस माफ कर दी गई है ताकि अधिक से अधिक युवा अपना भविष्य संवार सके वहीं मुख्यमंत्री कौशल विकास योजना के माध्यम से युवाओं को ट्रेनिंग के बाद रोजगार मुहैया कराया जा रहा है

43 हजार से ज्यादा युवाओं को कौशल प्रशिक्षण, 13 हजार को रोजगार-

भूपेश बघेल सरकार ने सार्थक पहल करते हुए युवाओं के लिए कक्षा 12 वीं के साथ ही आई. टी. आई की सुविधा उपलब्ध कराया है. राज्य के युवाओं को बेहतर से बेहतर शिक्षा के साथ उनका कौशल उन्नयन कर रोजगार से जोड़ना प्राथमिकताओं में शामिल किया गया है. मुख्यमंत्री कौशल विकास योजना के जरिए भूपेश बघेल सरकार ने अबतक 43 हजार 862 युवाओं को कौशल प्रशिक्षण दिया है. जिसमें से 13 हजार 661 युवाओं को रोजगार उपलब्ध हुआ और 10 हजार 254 युवाओं ने स्व-रोजगार प्राप्त किया है.

युवाओं को मुख्यधारा से जोड़ने में कारगर है योजना-

एक वक्त में राज्य के बहुत से विद्यार्थी हायर सेकेंडरी तक शिक्षा प्राप्त करने के बाद कोई निश्चित उद्देश्य नहीं होने के कारण आगे की पढ़ाई छोड़ देते थे और उनके पास कोई कौशल नहीं होने और उद्यमिता का कोई ज्ञान नहीं होने के कारण वह बेरोजगार बने रहते थे. लेकिन भूपेश बघेल सरकार में हालात बदल हैं. अब स्कूलों में दी जा रही औपचारिक शिक्षा के साथ राज्य के आई.टी.आई में दिए जा रहे व्यवसायिक प्रशिक्षण की वजह से उन्हें एकीकरण और मुख्यधारा में लाने का अभिनव पहल किया गया है. इसके तहत राज्य के हायर सेकेंडरी स्कूलों में 11वीं कक्षा में अध्ययनरत छात्र जो व्यावसायिक प्रशिक्षण भी प्राप्त करने के इच्छुक हैं, उनके लिए स्कूलों एवं आईटीआई समन्वय के माध्यम से उन्हें दोनों अर्थात स्कूली शिक्षा और अपनी रुचि का व्यावसायिक प्रशिक्षण कौशल विकास योजना के तहत दिया जा रहा है. इससे युवाओं को उद्योगों की जरूरतों को पूरा करने और अपने पैरों पर खड़ा होने के लिए विभिन्न कौशल प्राप्त करने में मदद मिल रही है. योजना के तहत उद्यमिता कौशल को व्यावसायिक पाठ्यक्रमों का अनिवार्य हिस्सा बनाया गया है. आई.टी.आई. की परीक्षा में सफल प्रशिक्षणार्थियों को माध्यमिक शिक्षा मण्डल छ.ग. के बारहवीं प्रमाण पत्र के साथ-साथ राज्य व्यवसायिक प्रशिक्षण परिषद द्वारा आई.टी.आई. का प्रमाण-पत्र भी दिया जा रहा है.

वर्तमान में 5798 विद्यार्थियों को प्रशिक्षण-

स्कूली शिक्षा प्राप्त करने के साथ-साथ आईटीआई में प्रशिक्षण प्राप्त करने की योजना भी संचालित की जा रही है. इसके तहत 116 विकास खंडों के 119 स्कूलों और आईटीआई में प्रारंभ की गई है. जिसमें विद्यार्थियों ने आईटीआई के 11 ट्रेडों में प्रशिक्षण प्राप्त किया है. सिर्फ सत्र 2021-23 में ही 1557 विद्यार्थियों ने हायर सेकेण्डरी परीक्षा के साथ आईटीआई की परीक्षा भी उत्तीर्ण की है. वर्तमान में इस योजना में 5798 विद्यार्थी प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं. विद्यार्थियों को यह प्रशिक्षण 11 ट्रेडों में दिया जा रहा है. राज्य के 145 विकासखण्डों के 148 आई.टी.आई में अन्य 148 हायर सेकेण्डरी स्कूलों के छात्रों को भी प्रशिक्षण देने के लिए चिन्हांकित किया गया है. प्रथम चरण में सत्र 2021-23 में 116 विकासखण्डों में 119 आई.टी.आई में कक्षा 11वीं के 3199 छात्रों को प्रशिक्षण के लिए प्रवेश दिया गया. प्रशिक्षण पूर्ण करने के बाद 1698 छात्र राज्य व्यावसायिक प्रशिक्षण परिषद की परीक्षा में सम्मिलित हुए और 1557 छात्र उत्तीर्ण हुए. इसी प्रकार सत्र 2022-24 में 126 विकासखण्डों में 128 आई.टी.आई में 3218 छात्रों को प्रवेश प्रदान कर प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है. सन 2023-25 में अद्यतन 114 स्कूल के 2580 छात्र-छात्राएं 113 आई. टी. आई. के विभिन्न व्यवसायों में प्रशिक्षण हेतु प्रवेश ले चुके हैं. विद्यार्थियों को इस योजना में कारपेंटर, मैकेनिक डीजल, प्लम्बर, वेल्डर, सोलर टेक्निशियन, कम्प्यूटर ऑपरेटर एण्ड प्रोग्रामिंग असिस्टेंट, स्युइंग टेक्नालाजी, स्टेनोग्राफर एण्ड सेक्रेट्रियल असिस्टेंट हिन्दी, टेक्निशियन स्मार्ट एग्रीकल्चर, टेक्निशियन स्मार्ट हेल्थ केयर, कम्प्यूटर हार्डवेयर एण्ड नेटवर्क मैनटेनेन्स में प्रसगिक्षण दिया जा रहा है. संस्था में उपलब्ध अधोसंचरना में यह प्रशिक्षण तृतीय पाली में संचालित किया जा रहा है

 

 

योजना का मुख्य उद्देश्य-

 

दसवीं उत्तीर्ण विद्यार्थियों को व्यवसायिक प्रशिक्षण के प्रति जागरूक करना, 12 वर्ष की स्कूली शिक्षा पूर्ण करने के साथ-साथ आईटीआई से व्यवसायिक प्रशिक्षण का प्रमाण-पत्र प्रदान करना, जिससे व्यावसायिक प्रमाण पत्र के आधार पर युवाओं के रोजगार के अवसर में वृद्धि एवं कौशल क्षमता में विकास हो सके. इसके साथ-साथ स्कूल शिक्षा से विद्यार्थियों का ड्रॉप आउट कम करना, व्यवसायिक प्रशिक्षण को शिक्षा के लिये आसान और प्रेरणादायक बनाने के साथ-साथ स्कूल एवं आई.टी.आई. के आधारभूत संरचनाओं का अधिकतम उपयोग करना भी इसका बड़ा उद्देश्य है…..

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button