रायपुर। राजीव भवन में पत्रकारों से चर्चा करते हुये प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि सुनील सोनी एक्सीडेंटल सांसद है, उन्हें जनता और जन समस्या से कुछ लेना देना नहीं है। सांसद के रूप में आज तक प्रदेश के हित के लिये कभी आवाज नहीं उठाये। भूपेश सरकार ने धान की 2500 कीमत देना शुरू किया, तब केंद्र ने रोक लगा दिया, सुनील सोनी राज्य के पक्ष में एक शब्द नहीं बोले। छत्तीसगढ़ का केन्द्र द्वारा 8 लाख आवास रद्द हुआ तब भी वे कुछ नहीं बोले। छत्तीसगढ़ के केन्द्रीय बलो के एवज में 11000 करोड़ वसूल लिये तब कुछ नहीं बोले।
छत्तीसगढ़ की ट्रेने रद्द हो गयी कभी आवाज नहीं उठाया। केंद्र से 55000 करोड़ रू. राज्य को लेना है इस मामले में भी चुप है। सांसद बनने के बाद सुनील सोनी कितने गांव गये दौरा करने कितने विकास कार्य स्वीकृत करवाया इस पर कुछ नहीं बोलते। निष्क्रिय सांसद सुनील सोनी कॉलेज के बच्चों से लड़ते है, स्कूली छात्रों को गुंडा कहते है। लोकतंत्र में सवाल पूछना गुनाह हो गया। बच्चे सवाल पूछते है तो उनको गाली देते है, मारपीट करते है, गुंडा कहते है। कोरोना काल में रोज बयान देते थे राज्य सरकार लोगो को राहत पहुंचाने जूझ रही थी तब भी वे मीन-मेख निकाल रहे थे, कोई मदद केन्द्र से नहीं दिलाये थे। रायपुर का दुर्भाग्य है कि सुनील सोनी जैसा असहिष्णु सांसद है।
सांसद सुनील सोनी को युवाओं के सवालों का जवाब देना चाहिए उसे भागना नहीं चाहिए। दुर्भाग्य है सदन हो या सदन के बाहर भाजपा के सांसद जवाब देने के बजाय कुतर्क करने में उतारू हो जाते हैं। सवाल पूछने वालों के साथ दुर्व्यवहार करते हैं, धमकाते, चमकाते हैं। सांसद सुनील सोनी की निष्क्रियता का नुकसान रायपुर लोकसभा क्षेत्र की जनता को हो रहा है।
युवाओं ने सांसद सुनील सोनी से पूछा कि अब तक कहां थे? सांसद सुनील सोनी को बताना चाहिए कि उन्होंने रायपुर लोकसभा क्षेत्र के युवाओं के लिए क्या काम किया है? सवाल तो पूछे जायेंगे? सवालों से इतना ही डर है तो चुनाव क्यों लड़े है? जब जनता ने अपना वोट देकर अधिकार दिया है, तो जनता आपसे जवाब और आपके कामों का हिसाब भी मांगेगी।
अपेक्स बैंक के अध्यक्ष पंकज शर्मा ने पत्रकारों से चर्चा करते हुये कहा कि क्या इस प्रदेश का छात्र और युवा सवाल सांसद सुनील सोनी से नहीं कर सकते? छात्रों के विचारधारा अलग-अलग हो सकती है, हर विचारधारा को प्रश्न पूछने का अधिकार है। 3 घंटे तक बीरगांव में बैठे रहे निर्दोष छात्रों पर एफआईआर दर्ज करवा रहे। सुनील सोनी से मैं पूछना चाहता हूं कि बच्चों के सवाल पूछने पर कार्यवाही क्यों करवाना चाहते है? क्या ये उनके निर्वाचन क्षेत्र नहीं है? छात्र न पूछे आप 4 साल में क्यों नहीं आये हैं? क्या इसके बदलें में कार्यवाही होगी? ये पूछने का अधिकार हर मतदाता को है। थाने की घटना पर मुझे भी बैठाया गया और थाना परिसर में मौजूद भाजपा के विभिन्न पदाधिकारियों पर अपराध दर्ज है, आपराधिक प्रवृत्ति लोग वहां उपस्थित थे। सुनील सोनी से पूछना चाहता हूं क्या इस प्रदेश के छात्र सवाल पूछना चाहेंगे तो उनको जेल हो जायेगा। 4 साल के बाद वो स्व. शहीद नंदकुमार पटेल कॉलेज पहुंचे जिसमें उनका कोई योगदान नहीं है। जब कांग्रेस के लोग विकास कार्य करते है तो वहां जाकर अपनी राजनीति चमकायें। ये मामला केवल छात्र और छात्रों के आवाज को दबाने का है। भाजपा का मूल स्वभाव है जो भी उनसे पूछे चाहे वो केंद्र सरकार से पूछे, चाहे वो सांसदों से पूछे उनके खिलाफ आवाज को दफन करने का प्रयास करता है।