छत्तीसगढ़

हार से निराश हैं, हताश नहीं,पार्टी ने लोगों का भरोसा नहीं खोया है”:कुमारी सैलजा

रायपुर। कांग्रेस की विधानसभा चुनाव में हार पर आज दिल्ली में बैठक हुई। करीब एक घंटे चली बैठक में सभी मंत्रियों और वरिष्ठ नेताओं से बारी-बारी हार की वजह जानी गयी। साथ ही प्रदेश में कांग्रेस की हार को लेकर भी विस्तार से चर्चा की गयी। बैठक में बताया गया कि कांग्रेस ने 2018 की तुलना में इस बार भी अपनी वोट शेयर को बरकरार रखा है। हालांकि भाजपा का वोट शेयर अप्रत्याशित रूप से बढ़ गया। हालांकि हार की स्पष्ट वजह कोई भी नहीं बता पाया।

बैठक में राष्ट्रीय अध्यक्ष ने सभी नेताओं को अब लोकसभा में जुट जाने को कहा है और ज्यादा से ज्यादी सीटें जीतने का लक्ष्य दिया है। बैठक के बाद कुमारी सैलजा ने बताया कि कांग्रेस पार्टी की हार से कार्यकर्ता निराश जरूर हैं, लेकिन हताश नहीं है। उन्होंने कहा कि सरकार ने जो काम किया था, वो काफी अच्छा था, इसलिए हमारा वोट शेयर कम नहीं हुआ, पिछली बार की तरह इस बार भी वोट शेयर रहा है। कुमारी सैलजा ने इस बात से इंकार किया है कि सरकार से लोग नाराज थे। उन्होंने कहा कि कई जगहों पर पार्टी को काफी अच्छा समर्थन मिला है।

इसलिए, अब पार्टी लोकसभा की तैयारी में ज्यादा से ज्यादा सीटों को जीतने की कोशिश करेगी। बैठक में चुनाव जीतने और हारने वाले सभी नेताओं व मंत्रियों को बुलाया गया था। दीपक बैज, भूपेश बघेल, टीएस सिंहदेव, चरणदास महंत, ताम्रध्वज साहू, मोहम्मद अकबर, शिव डहरिया, उमेश पटेल, रूद्र गुरू, फूलो देवी नेताम, मोहन मरकाम सहित कई और शीर्ष नेता मौजूद थे। सैलजा ने कहा कि

“सभी सर्वे में कहा गया है कि कांग्रेस छत्तीसगढ़ चुनाव जीतेगी। यह कुछ हद तक सच साबित हुआ क्योंकि हमारा वोट प्रतिशत नहीं गिरा। हम पार्टी की हार के कारणों का विस्तार से विश्लेषण कर रहे हैं। सभी नेताओं ने पार्टी आलाकमान को आश्वासन दिया है कि पार्टी ने लोगों का भरोसा नहीं खोया है। सभी नेताओं ने आश्वासन दिया है कि वे लोकसभा चुनाव मिलकर लड़ेंगे। चुनाव में 18 महिला उम्मीदवारों में से 11 ने जीत हासिल की है।”

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