छत्तीसगढ़

वन भैंसा लेने गई छत्तीसगढ़ की टीम ने असम में किया कांड

रायपुर । मार्च में छत्तीसगढ़ से वन भैंसा पकड़ने गई असम गई वन विभाग की टीम द्वारा किए गए उत्पात को लेकर रायपुर के वन्य जीव प्रेमी ने वन मंत्री से शिकायत कर जांच की मांग की है।

क्या है मामला

पत्र में बताया गया है कि वर्ष 2023 में असम से वन भैंसा लाने के लिए प्रधान मुख्य वन संरक्षण (वन्यप्राणी) छत्तीसगढ़ ने 17 लोगों की टीम गठित की। टीम लीडर और नोडल अधिकारी, उप निदेशक उदंती सीतानदी टाइगर रिजर्व गरियाबंद को और वन्यप्राणी चिकित्सक जंगल सफारी और कानन पेंडारी जू को वन भैंसा पकड़ने की प्रमुख जिम्मेदारी सौंप गई। टीम को कड़े निर्देश दिए गए कि टीम के अधिकारी नियमित रूप से दैनिक प्रगति दूरभाष के माध्यम से देंगें।

टीम 10-11 मार्च को रायपुर से निकली, 1700 किलोमीटर वाहन में निरन्तर चलके 13 मार्च को मानस टाइगर रिजर्व असम पहुंची, जहां से वन भैंसे पकड़ कर लाने थे। वन्यप्राणी चिकित्सक 14 मार्च को भोर सुबह 3:00 बजे उठ गए, बेहोश करने वाली बंदूके तैयार की और:-

14 मार्च 2023 की सुबह 6:18 बजे एक सब एडल्ट मादा वन भैंसा उम्र 2.5 वर्ष पकड़ा

14 मार्च 2023 को ही सुबह 10:15 बजे दूसरा सब एडल्ट मादा वन भैंसा उम्र 2.5 वर्ष पकड़ा।

15 मार्च 2023 को एक सब एडल्ट मादा वन भैंसा उम्र 2.5 वर्ष पकड़ा।

17 मार्च 2023 को एक सब एडल्ट मादा वन भैंसा उम्र 1.5 वर्ष पकड़ा।

होश आया अधिकारियों को

चर्चा अनुसार प्रधान मुख्य वन रक्षक (वन्यप्राणी) छत्तीसगढ़ दिन में पांच से दस बार वन भैंसा पकड़ने की प्रगति की जानकारी लेते रहे। वन भैसों को पकड़ने के बाद प्रधान मुख्य वन रक्षक (वन्यप्राणी) छत्तीसगढ़ को होश आया कि भारत सरकार पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय और असम विभाग ने 2020 ने तो मादा (एडल्ट) वन भैंसा पकड़ने की अनुमति दी थी और उन्होंने बिना आदेश के सब एडल्ट मादा वन भैंसे पकडवा दिए। इसके बाद रायपुर से उच्च स्तर से मैनेजमेंट चालू हुआ और 14 मार्च 2023 की तारीख में मुख्य वन्य जीव संरक्षक असम से चार सब एडल्ट मादा वन भैंसे को पकड़ने का आदेश जारी कराया गया। परन्तु मुख्य वन्य जीव संरक्षक असम के कार्यालय के बाबू की चूक से छत्तीसगढ़ वन विभाग का उत्पात उजागर हो गया।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button