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चार दिनों से गुफा में फंसा था आदिवासी परिवार, वन विभाग ने बचाया, सीएम विजयन ने की सराहना

केरल। केरल के वायनाड जिले में हाल ही में हुए भूस्खलन ने भारी तबाही मचाई है। इस संकट के बीच, वन विभाग के अधिकारियों ने अद्वितीय बहादुरी दिखाते हुए एक जंगल में फंसे आदिवासी परिवार को सुरक्षित बाहर निकाल लिया। इस साहसिक बचाव अभियान का नेतृत्व कलपेट्टा रेंज के वन अधिकारी के हशीस ने किया। उनकी चार सदस्यीय टीम ने एक गुफा में फंसे आदिवासी परिवार को बचाया, जिसमें चार बच्चे (एक से चार साल की उम्र के) और दो वयस्क शामिल थे।

बचाव अभियान का विवरण-

हशीस ने जानकारी दी कि यह परिवार वायनाड के पनिया समुदाय से है और भूस्खलन के कारण एक गहरी खाई के सामने एक पहाड़ी की चोटी पर एक गुफा में फंस गया था। वन विभाग की टीम को गुफा तक पहुंचने में साढ़े चार घंटे का समय लगा। भारी बारिश और कठिन परिस्थियों के बावजूद, टीम ने सफलतापूर्वक परिवार को सुरक्षित बाहर निकाल लिया।

परिवार की स्थिति-

हशीस ने बताया कि यह परिवार आदिवासियों के एक विशेष वर्ग से ताल्लुक रखता है, जो आमतौर पर बाहरी लोगों से संपर्क नहीं करता। भूस्खलन और भारी बारिश के कारण उनके पास खाने के लिए कुछ नहीं बचा था। फिलहाल, परिवार को अट्टामला के दफ्तर में रखा गया है और सभी बच्चे सुरक्षित हैं।

मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने की सराहना-

केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने आठ घंटे चले इस बचाव अभियान के लिए वन विभाग की प्रशंसा की। उन्होंने पश्चिमी घाट के जंगली इलाकों में टीम की बहादुरी और समर्पण को सराहा। पिनाराई विजयन ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट किया, “भूस्खलन प्रभावित वायनाड में हमारे साहसी वन अधिकारियों की तरफ से 8 घंटे के अथक ऑपरेशन के बाद एक सुदूर आदिवासी बस्ती से छह कीमती जिंदगियां बचाई गईं। हम आगे एकजुट होकर काम करेंगे और मजबूत होकर उभरेंगे।”

इस घटना ने यह सिद्ध किया है कि संकट की घड़ी में समर्पण और साहस की भावना से किसी भी चुनौती का सामना किया जा सकता है। वन विभाग की यह तत्परता और बहादुरी सभी के लिए प्रेरणादायक है।

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