वैध बताते हैं इसे बीमारियों का दुश्मन, गर्मी में मिलने वाला ये फल है कमाल का…

वैध बताते हैं इसे बीमारियों का दुश्मन, गर्मी में मिलने वाला ये फल है कमाल का…
मनेन्द्रगढ़ भरतपुर चिरमिरी। छत्तीसगढ़ के वनांचल क्षेत्र मनेन्द्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर जिले के ग्रामीण अंचलों में बेल के पेड़ों पर हरे पीले फलों की बहार है. गांवों की पगडंडियों पर पेड़ों की छांव तले लदे बेल फल न सिर्फ सुंदर दिखते हैं, बल्कि इनके भीतर छिपे औषधीय गुण लाभदायक हैं. बेल के पेड़ों से फल तोड़ते बच्चे, घरों में तैयार होता ठंडा बेल शरबत, यह सब गर्मी के इस मौसम की पहचान बन चुके हैं.
बेल बना रोजगार का साधन
बेल का यही फल इस तपती गर्मी में ग्रामीणों के लिए न केवल सेहत का सहारा बना है, बल्कि आमदनी का जरिया भी बन रहा है. ग्रामीण जहां बेल फल बेचकर अपनी आय बढ़ा रहे हैं,
वहीं यह फल विभिन्न बीमारियों को भी दूर करता है. गर्मी के इस समय में बेल बहुत उपयोगी है. यह कई बीमारियों को ठीक करता है और साथ ही घर की आमदनी में भी सहयोग देता है-लक्ष्मणधारी सिंह, स्थानीय ग्रामीण
पेट की किसी भी समस्या के लिए महत्वपूर्ण औषधि है. बेल का शरबत फायदेमंद है. मैं रोज बेल का सेवन करता हूं और सभी ग्रामीणों से अपील करता हूं कि इसका लाभ उठाएं: रमाशंकर सिंह, वैद्य
औषधीय गुणों से भरपूर बेल
आयुर्वेद विशेषज्ञ डॉ. प्रभाकर तिवारी बताते हैं कि बेल फल की तासीर ठंडी होती है. इसका नियमित सेवन शरीर को हाईड्रेट रखता है. यह पाचन तंत्र को मजबूत बनाता है. इसमें प्रचुर मात्रा में फाइबर, बीटा कैरोटीन, थायमिन, राइबोफ्लेविन और विटामिन सी पाया जाता है, जो इम्यून सिस्टम को मजबूत करता है.
कब्ज और पाचन विकार में फायदेमंद
आयुर्वेद विशेषज्ञ ने बताया कि बेल का शरबत कब्ज, अपच, गैस और दस्त जैसी बीमारियों में बेहद असरदार माना गया है. गर्मियों में बेल शरबत का सेवन करने से पेट ठंडा रहता है और आंतों की सफाई भी होती है. बेल में मौजूद प्राकृतिक तत्व शरीर को डिटॉक्स करने का काम करते हैं.
हाई ब्लड प्रेशर और लीवर के लिए भी लाभकारी
बेल की पत्तियों का उपयोग भी आयुर्वेद में महत्व रखता है. डॉ. तिवारी बताते हैं कि हाई ब्लड प्रेशर के मरीज बेलपत्र को पानी में उबालकर उसका काढ़ा पी सकते हैं, जो रक्तचाप को नियंत्रित रखने में सहायक होता है. लीवर संबंधी परेशानियों में भी बेल लाभदायक है, क्योंकि इसमें बीटा-कैरोटीन और अन्य एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं.
बेल से जुड़ी धार्मिक मान्यता भी
बेल न केवल औषधीय गुणों के लिए जाना जाता है, बल्कि धार्मिक दृष्टि से भी इसका विशेष महत्व है. मान्यता है कि भगवान शिव को बेलपत्र और बेल फल अति प्रिय हैं. ग्रामीण अंचलों में पूजा-पाठ के दौरान इसका उपयोग आम है.
बच्चों के लिए बेल बना खेल और स्वाद का हिस्सा
ग्रामीण क्षेत्रों में बच्चे बेल फल से निकलने वाले गोंद का उपयोग पतंग उड़ाने वाली ‘गीद’ बनाने में करते हैं. वे बेल के मीठे गूदे को बड़े चाव से खाते हैं, भले ही उन्हें इसके औषधीय गुणों की जानकारी न हो.
डॉक्टर की सलाह: बेल के कई फायदे हैं, लेकिन डॉ. तिवारी सलाह देते हैं कि जिन लोगों को मधुमेह (डायबिटीज) है, उन्हें बेल का सेवन सीमित मात्रा में करना चाहिए, क्योंकि इसका शरबत मीठा होता है. साथ ही, किसी भी औषधीय उपयोग से पहले डॉक्टर की सलाह लेना जरूरी है.
ध्यान रखने योग्य बातें
बेल का सेवन आषाढ़ मास में नहीं करना चाहिए, ऐसी धार्मिक मान्यता है.
बेल फल का चूर्ण बनाकर भी उपयोग किया जा सकता है.
बेल की छाल का चूर्ण कुछ लोग शरद ऋतु में पेट विकार के इलाज के लिए करते हैं.