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लिवर और किडनी फेल होने के क्या हैं कारण और लक्षण, आइए एक्सपर्ट्स से जानें…

लिवर और किडनी फेल होने के क्या हैं कारण और लक्षण, आइए एक्सपर्ट्स से जानें…

नई दिल्ली। हमारा शरीर एक मशीन की तरह काम करता है, जिसमें हर अंग की भूमिका खास होती है. लिवर (यकृत) और किडनी (गुर्दा) हमारे शरीर के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण अंग हैं. ये दोनों शरीर को अंदर से साफ रखने वाले सबसे जरूरी अंग हैं, लेकिन बदलती जीवनशैली, खानपान और सेहत के प्रति अनदेखी के कारण इन अंगों के फेलियोर होने के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. आए दिन लिवर से जुड़ी परेशानी और किडनी खराब होने की खबरें आती रहती हैं, ऐसे में हर किसी को अपनी सेहत के प्रति जागरूक होना चाहिए. अगर समय रहते इनके लक्षणों को पहचाना न जाए, तो जानलेवा स्थिति भी बन सकती है. आइए एक्सपर्ट से जानते हैं लिवर और किडनी फेल होने के प्रमुख कारण और शुरुआती लक्षण क्या हैं.

लिवर फेल क्यों होता है?
लिवर हमारे शरीर का सबसे बड़ा अंग है, जो भोजन को पचाने, विषैले तत्वों को बाहर निकालने और खून को साफ करने का काम करता है. जब यह अंग सही से काम नहीं करता, तो इसे लिवर फेल्योर कहा जाता है.

लिवर फेल होने के मुख्य कारण
नोएडा स्थित कैलाश हॉस्पिटल में वरिष्ठ परामर्शदाता, फिजिशियन डॉक्टर मानस चटर्जी बताते हैं कि लिवर फेलियर एक गंभीर स्थिति है जिसमें लिवर के काम करने की क्षमता कम हो जाती है और शरीर से विषाक्त पदार्थों को निकाल नहीं पाता है. डॉ मानस चटर्जी बताते हैं कि लिवर फेल होने के कई कारण हो सकते हैं. जिनमें वायरल संक्रमण, शराब का बहुत ज्यादा सेवन, दवाइयों का अधिक सेवन, फैटी लिवर, ऑटोइम्यून रोग, और हेमोक्रोमैटोसिस जैसे कई कारण शामिल हो सकते हैं. इसके अलावा पैरों में सूजन, शरीर में कॉपर अधिक जमा होना भी लिवर फेलियर का कारण बन सकता है. साथ ही हृदय संबंधी रोग, पित्त नली का रुकावट, मेटाबोलॉजिम संबंधी समस्याएं भी इसके कारण हो सकते हैं. वहीं, कई बार लोग आयुर्वेदिक या देसी इलाज में ऐसी चीजें ले लेते हैं जो लिवर को नुकसान पहुंचाती हैं.

लिवर फेल होने के लक्षण
डॉ मानस चटर्जी बताते हैं कि लिवर फेलियोर होने के कई लक्षण होते हैं. शुरुआत में ये लक्षण सामने नहीं आते हैं, लेकिन समय के साथ यह धीरे-धीरे बढ़ने लगते हैं. अगर आपको लगातार थकान महसूस हो रहा है, त्वचा और आंखें पीला पड़ जा रहा है,पेट में सूजन या दर्द आ गया है. या फिर भूख नहीं लगती है, अचानक से वजन कम होना लगा है. बार-बार उल्टी या जी मिचलाने जैसी टेंडेंसी हो रही है. पेशाब का रंग गहरा हो गया है, भ्रम, चक्कर या नींद अधिक (एंसेफैलोपैथी) आ रही है तो ये सभी लक्षण लिवर फेलियोर के हो सकते हैं. ऐसे में आपको तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए.

किडनी फेल क्यों होती है?
किडनी का मुख्य काम खून को साफ करना और शरीर से अपशिष्ट पदार्थ को पेशाब के जरिए बाहर निकालना होता है. जब किडनी अपना काम करना बंद कर देती है, तो उसे किडनी फेलियोर कहा जाता है. किडनी फेल होने के भी कई कारण हो सकते हैं. सफदरजंग अस्पताल में नेफ्रोलॉजी विभाग के एचओडी प्रोफेसर डॉ. हिमांशु वर्मा बताते हैं कि किडनी फेल होने के बहुत से कारण हैं. इसमें हाई बीपी, ब्लड शुगर का लेवल हाई हो जाना, पेशाब में जलन या दिक्कत या फिर जेनेटिक कारण भी हो सकते हैं.

डायबिटीज (मधुमेह)- लंबे समय तक अनियंत्रित शुगर लेवल किडनी की नसों को नुकसान पहुंचाता है.

हाई ब्लड प्रेशर (उच्च रक्तचाप)- लगातार हाई BP से किडनी की कार्यक्षमता कम होती जाती है.

कुछ दवाइयों का असर- पेनकिलर्स या एंटीबायोटिक दवाओं का बार-बार सेवन किडनी पर असर डाल सकता है.

यूरिन रुकावट- पेशाब की नली में रुकावट या बार-बार संक्रमण होने से किडनी प्रभावित होती है.

आनुवंशिक कारण- कुछ लोगों में जन्म से ही किडनी की बनावट में खराबी होती है.

किडनी फेल होने के लक्षण
पैरों, टखनों और चेहरे पर सूजन, पेशाब कम आना या बिल्कुल बंद हो जाना, मांसपेशियों में ऐंठन या कमजोरी, सांस फूलना और चक्कर आना लगातार थकावट और नींद न आना, उल्टी या मतली या फिर भूख कम लगना और शरीर में जलन होना किडनी फेलियोर के लक्षण हो सकते हैं. डॉ हिमांशु वर्मा बताते हैं कि इनमें से कोई भी लक्षण आपको दिख रहा हो तो बिना देर किए तुरंत डॉक्टर से मिलना चाहिए.

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