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आधी रात की घेराबंदी और फिर गिरफ्तारी! मोकामा के ‘छोटे सरकार’ अनंत सिंह की हुई की गुपचुप गिरफ्तारी

आधी रात की घेराबंदी और फिर गिरफ्तारी! मोकामा के ‘छोटे सरकार’ अनंत सिंह की हुई की गुपचुप गिरफ्तारी

पटना: बिहार की राजनीति एक बार फिर उथल-पुथल के दौर में पहुंच गई है। मोकामा के दुलारचंद यादव हत्याकांड में बड़ी कार्रवाई करते हुए पटना पुलिस ने शनिवार को पूर्व विधायक और बाहुबली नेता अनंत सिंह को गिरफ्तार कर लिया। यह गिरफ्तारी बाढ़ के कारगिल मार्केट इलाके से हुई, जहां पुलिस की विशेष टीम ने पूरी गोपनीयता के साथ ऑपरेशन को अंजाम दिया। लंबे समय से अनंत सिंह के आत्मसमर्पण की अटकलें तेज थीं, लेकिन पटना एसएसपी के नेतृत्व में पुलिस ने खुद पहल कर इस हाई-प्रोफाइल कार्रवाई को अंजाम दिया। गिरफ्तारी के बाद अनंत सिंह को सख्त सुरक्षा व्यवस्था के बीच बाढ़ से पटना लाया गया, जहां उनसे आगे की पूछताछ और कानूनी प्रक्रिया पूरी की जाएगी।

अनंत सिंह के सरेंडर करने की बात आ रही थी सामने

सूत्रों के मुताबिक, पटना पुलिस की टीम को यह सूचना मिली थी कि अनंत सिंह किसी भी समय सरेंडर कर सकते हैं। इसी आधार पर एसएसपी के निर्देश पर एक विशेष टीम बनाई गई, जिसने बिना देर किए बाढ़ के कारगिल मार्केट पहुंचकर पूर्व विधायक को हिरासत में ले लिया। यह पूरी कार्रवाई अचानक और बेहद गोपनीय रखी गई, ताकि किसी भी अप्रिय स्थिति से बचा जा सके। बताया जा रहा है कि पुलिस जल्द ही इस गिरफ्तारी पर आधिकारिक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सकती है। वहीं, इस घटना ने बिहार के चुनावी माहौल में नई हलचल मचा दी है, क्योंकि अनंत सिंह इस बार जेडीयू के टिकट पर विधानसभा चुनाव 2025 में मोकामा सीट से मैदान में उतरने की तैयारी में थे।

क्या है दुलारचंद हत्याकांड ?
दुलारचंद यादव हत्याकांड 30 अक्टूबर को मोकामा टाल इलाके में हुआ था, जब स्थानीय प्रभावशाली व्यक्ति और दबंग माने जाने वाले दुलारचंद यादव की हत्या कर दी गई थी। यह हमला उस वक्त हुआ जब वे चुनाव प्रचार में जुटे हुए थे। इस हत्याकांड ने पूरे इलाके में सनसनी फैला दी थी। प्रारंभिक जांच में मिले सबूतों और गवाहों के बयानों के आधार पर पुलिस ने अनंत सिंह को मुख्य आरोपी के रूप में नामजद किया। फिलहाल, इस मामले की जांच बिहार पुलिस के अपराध जांच विभाग (CID) को सौंप दी गई है। CID के डीआईजी जयंत कांत ने खुद बसावन चक इलाके का दौरा कर सभी पहलुओं की बारीकी से जांच की है।

जांच के दौरान एफएसएल (FSL) टीम ने मौके से कई अहम फोरेंसिक सबूत इकट्ठा किए हैं। दिलचस्प बात यह है कि घटनास्थल पर ‘बाहरी पत्थर’ पाए गए हैं, जो आम तौर पर रेलवे ट्रैक पर मिलते हैं और इस क्षेत्र में स्वाभाविक रूप से नहीं मिलते। अधिकारियों का मानना है कि इन्हीं पत्थरों का इस्तेमाल दुलारचंद यादव के काफिले पर हमला करने में किया गया। यह पहलू जांच को और जटिल बना रहा है।

कौन हैं अनंत सिंह ?

बिहार की राजनीति में अनंत सिंह एक जाना-पहचाना नाम हैं। मोकामा क्षेत्र में उनका प्रभाव दशकों से कायम है। उन्हें ‘छोटे सरकार’ के नाम से जाना जाता है। राजनीति में आने से पहले उन पर कई आपराधिक मामलों के आरोप लग चुके हैं, हालांकि वे हमेशा से इन आरोपों को राजनीतिक साजिश बताते रहे हैं।

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