पूरे परिवार की मौत के साथ रोमांस का हुआ अंत, शवों की लग कई कतार
लखनऊ, | 2008 में अप्रैल की एक उमस भरी सुबह थी, जब उत्तर प्रदेश के अमरोहा जिले का बावनखेड़ी गांव कराह रहा था। शौकत अली की बेटी शबनम रोते-चिल्लाते हुए घर-घर दौड़ी। उसको चिल्लाते देख जैसे ही पड़ोसी मौके पर पहुंचे, वे दस महीने के बच्चे सहित परिवार के सात सदस्यों के शव फर्श पर पड़े देखकर चौंक गए। मृतकों में शबनम के पिता शौकत अली (55), मां हाशमी (50), बड़े भाई अनीस (35), अनीस की पत्नी अंजुम (25), छोटा भाई राशिद (22), चचेरी बहन राबिया (14) और अनीस का 10 महीने का बेटा अर्श शामिल थे।
सैफी मुस्लिम समुदाय से ताल्लुक रखने वाली शबनम ने शुरू में दावा किया कि अज्ञात हमलावरों ने उसके घर में घुसकर सभी को मार डाला। हालांकि, जब पुलिस ने उससे पूछताछ की, तो वह इस बात का संतोषजनक जवाब नहीं दे पाई कि वह हमलावरों से कैसे बची। सलीम के साथ शबनम के रिश्ते को लेकर भी गांव में सुगबुगाहट शुरू हो गई थी, जिसका उसके परिवार वालों ने कड़ा विरोध किया था। आखिरकार पांच दिनों की पूछताछ के बाद शबनम टूट गई और उसने कबूल किया कि उसने और उसके प्रेमी सलीम ने उसके परिवार को मार डाला।