गूलर का पेड़ भारत में पाया जाने वाला एक मुख्य पेड़ है। इस पौधे में बहुत सारे गुण रहते हैं, जो हमारे रोगों को दूर करते हैैं। गूलर के पेड़ को उमर का पेड़, डूमर का पेड़ और देसी अंजीर के नाम से भी जाना जाता है। गूलर का पेड़ भारत में पाया जाने वाला एक मुख्य औषधीय पौधा है। गूलर के पेड़ में एंटी डायबिटिक, एंटी ऑक्सीडेंट और एंटी अस्थमेटिक गुण पाए जाते हैं, जिसकी वजह से यह बहुत सारी बीमारियों में फायदेमंद रहता है। आइए जाने इसके बारे में।
गूलर पेड़ के फायदे-
सफेद पानी की समस्या स्त्रियों में रहती है। सफेद पानी आने की स्थिति में गूलर के पेड़ का प्रयोग किया जा सकता है। सफेद पानी की स्थिति में गूलर की पत्तियों का रस निकालकर मिश्री के साथ मिलाकर सुबह-शाम खाने से लाभ मिलता हैं। गूलर की पत्तियों के रस को शहद के साथ खाने से मासिक धर्म से होने वाली समस्याओं में भी लाभ मिलता है। गूलर के फल को खाने से पेशाब की समस्या ठीक हो जाती है और पेशाब खुलकर आने लगता है। गूलर के फल को खाने से पेट का दर्द और गैस की समस्या ठीक होती है। शारीरिक कमजोरी को दूर करने में गूलर के फल का प्रयोग किया जा सकता है। गूलर के फल के चूर्ण का सेवन करने से शारीरिक कमजोरी दूर होती है। गूलर का फल बहुत ही पौष्टिक रहता है।
ऐसे बनाए गूलर का चूर्ण-
गूलर का पाउडर या गूलर का चूर्ण बनाने के लिए, आप गूलर का फल ले लीजिए और इसके फल को धो लीजिए. गूलर के फल में कीड़े निकलते हैं, तो आप फल को तोड़कर देख लीजिए और जब गूलर कीड़े ना रहे, तो आप इसे छाव में सूखा लीजिए। जब गूलर का फल सूख जाता है। तब आप इसको मिक्सी में पीस लीजिए और इसका बारीक चूर्ण बना लीजिए। आप इसके चूर्ण को छलनी से छान लीजिए। आप का चूर्ण बन कर तैयार है। आप इस चूर्ण का सेवन कर सकते हैं। गूलर का चूर्ण बहुत ही फायदेमंद रहता है।