नई दिल्ली |चंद्रयान-2 की विफलता के बाद अब नए उत्साह के साथ चंद्रयान-3 की सॉफ्ट लैंडिंग की तैयारियों में जुटी इसरो के वैज्ञानिकों की टीम ने अब ऑटोमेटिक लैंडिंग सीक्वेंस की तैयारी शुरू कर दी है। इसरो सेंटर से कमांड मिलते ही यान की रफ्तार कम होने लगेगी और धीरे-धीरे यह अपने लैंडिंग प्वाइंट की ओर आने लगेगा। जानकारी के मुताबिक लैंडर अपने लैंडिंग प्वाइंट पर शाम 5 बजकर 44 मिनट पर पहुंचेगा। चंद्रयान-3 की लैंडिंग पर पूरी दुनिया की नजर बनी हुई है। विक्रम लैंडर को नासा और यूरोप की स्पेस एजेंसी भी ट्रैक करेगी। हर सिग्नल को इसरो के कमांड सेंटर में भेजा जाएगा।
आज इतिहास रचा जाएगा जब पीएम मोदी के नेतृत्व में चांद पर भारत का झंडा लहराएगा. पूरा देश इस पल का बेसब्री से इंतजार कर रहा है. वैज्ञानिकों और सरकार की पिछले 9 साल की मेहनत आज पूरी होगी. हम सफलता की ओर बढ़ रहे हैं. इससे भारत नई ऊंचाइयों को छू रहा है|
चंद्रयान-3 मिशन पर रूसी महावाणिज्य दूत ने कहा- चंद्रयान-3 की लैंडिंग का इंतजार
चंद्रयान-3 मिशन पर रूसी महावाणिज्य दूत ओलेग निकोलाइविच अवदीव ने कहा, ‘आज चंद्रयान 3 के चंद्रमा की सतह पर उतरने की उम्मीद है. भारत में हर कोई इसका बेसब्री से इंतजार कर रहा है. सभी को बहुत उम्मीदें हैं और मैं भी चंद्रमा की सतह पर रोवर की सफल लैंडिंग का इंतजार कर रहा हूं.
चंद्रयान-3, चंद्रयान-2 की अगली कड़ी है और इसका उद्देश्य चांद की सतह पर सुरक्षित और आसानी से लैंडिंग करना, चंद्रमा पर घूमना और वैज्ञानिक प्रयोग करना है। चंद्रयान -2 अपने अभियान में विफल रहा था क्योंकि इसका लैंडर ‘विक्रम’ सात सितंबर, 2019 को लैंडिंग का प्रयास करते समय लैंडर के ब्रेकिंग सिस्टम में खराबी आ जाने के कारण सतह पर उतरने से कुछ मिनट पहले चंद्रमा की सतह पर दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। चंद्रयान का पहला अभियान 2008 में हुआ था। 600 करोड़ रुपये की लागत वाला चंद्रयान-3 अभियान लॉन्च व्हीकल मार्क-3 (एलवीएम-3) रॉकेट के जरिए 14 जुलाई को शुरू हुआ था और आज तक इसने 41 दिन का सफर तय कर लिया है।