छत्तीसगढ़रायपुर

नई सरकार बनने की आस में प्रदेश के किसान, धान मंडियों में पसारा सन्नाटा

सरगुजा।  हाल ही में 17 नवंबर को छत्तीसगढ़ में मतदान संपन्न हुए हैं। चुनाव में जहां एक ओर कांग्रेस ने किसानों के लिए बड़ी घोषणा की है तो वहीं दूसरी ओर भाजपा ने भी अपने किसानों के लिए पिटारा खोले हैं। अब प्रदेश की जनता को नई सरकार बनने का बेसब्री से इंतजार है। इसी वजह से प्रदेश के कई धान केंद्रों में सन्नाटा देखने को मिल रहा है। बात करें सरगुजा संभाग में तो यहां जिस हिसाब से धान की आवक होनी चाहिए उस हिसाब से नहीं हो पा रही है।

इसका मुख्य कारण चुनाव में किए गए कर्ज माफी का वायदा को माना जा रहा है, ऐसे में सरगुजा जिले के सीतापुर,बतौली और मैनपाट के किसान सरकार बनने का इंतजार करते नजर आ रहे है। उपार्जन केन्द्र पटेला के समिति प्रबंधक ने किसानों द्वारा धान नही बेचने का कारण बताते हुए कहा कि सीतापुर, बतौली और मैनपाट में लगभग 18 धान खरीदी केंद्र है।

जिसमे कंही- कंही तो आज तक धान की बोहनी तक नही हुई है और कंही-कंही कुछ किसान टोकन ले रहे है और धान बेच रहे है साथ ऐसे किसान जो धान नही बेच रहे है वह सरकार बनने का इंतजार कर रहे है क्योकि किसान चाह रहा है अभी अगर धान बेचेंगे तो कर्ज माफी नही होगा।

यही कारण है कि धान खरीदी केदो में किसानों का रुझान काफी कम नजर आ रहा है ,वंही कुछ किसान टोकन लेने और धान बेच रहे है वह ऐसे किस है जो धान बेच रहे हैं वह किसान कर्ज नहीं लिए हैं इसीलिए अभी जो धान खरीदी केदो में धान की भूमि हो रही है तो बिना कर्ज वाले किसानों ने ही धान खरीदी केंद्र में धान बेचकर भूमि कराई है बहरहाल अब आने वाला 3 दिसंबर के मतगणना के बाद ही यह स्पष्ट हो पाएगा कि आखिर सरकार किसकी बनती है और किसानों को कितना फायदा मिल पता है ।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button