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लोकसभा चुनाव में युवाओं को ठगने 33000 शिक्षकों की भर्ती का जुमला फेंक रहे हैं भाजपाई : सुरेंद्र

रायपुर। छत्तीसगढ़ के शिक्षा मंत्री के 33 हजार शिक्षकों की भर्ती के ऐलान पर पलटवार करते हुए प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि शिक्षा के बजट में विगत वर्ष की तुलना में चार प्रतिशत की भारी भरकम कटौती करने वाली विष्णुदेव साय सरकार केवल आगामी लोकसभा चुनाव में लाभ पाने के लिए युवाओं को ठगने एक बार फिर से जुमला फेंक रही है। 2003 से 2018 तक सरकार में रहे लेकिन नियमित शिक्षक के एक भी पद पर भर्ती नहीं कर पाए और अब फिर से झांसा दे रहे है।

प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि जिस तरह से 2014 में भाजपा ने दो करोड़ रोजगार हर साल देने का वादा किया था, मोदी सरकार के 10 साल में 20 करोड़ युवाओं को रोजगार मिलना था, आबादी के अनुपात में छत्तीसगढ के लगभग 30 लाख युवाओं को नौकरी मिलना था लेकिन एक भी युवा को केंद्र की मोदी सरकार रोजगार देने में नाकाम रही। मोदी सरकार में बेरोजगारी दर चिंताजनक स्तर पर पहुंचा दिया गया है, रोजगार किसी को मिला नहीं उल्टे उपहास उड़ाया, कहा कि पकोड़े तले युवा अब छत्तीसगढ़ में भाजपा की विष्णुदेव सरकार युवाओं को शराब बेचने का ऑफर दे रही है।

प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि छत्तीसगढ़ में 2003 से 2018 तक भाजपा सरकार के दौरान 3000 से ज्यादा स्कूल बंद किए गए। हर जिले में चलने वाले उत्कृष्ट मॉडल स्कूल को निजी क्षेत्र की संस्था डीएवी को बेचने का पाप भी पूर्ववर्ती भाजपा की सरकार ने किया था। कांग्रेस की सरकार ने न केवल भाजपा के सरकार के समय बंद किए गए उन 3000 स्कूलों को पुनः खोले बल्कि 647 स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट विद्यालय खोले। कांग्रेस की भूपेश बघेल सरकार ने 1 लाख़ 47 हज़ार से ज्यादा शिक्षाकर्मियों को शिक्षा विभाग में संविलियन कर नियमित शिक्षक बनाया। पहले 14800 फिर 12780 पदों पर निर्मित शिक्षक के रूप में भर्तियां की। भारतीय जनता पार्टी की विष्णुदेव साय सरकार को शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार और युवाओं के हित से कोई सरकार नहीं है। केवल चुनावी लाभ के लिए ये जुमलेबाजी कर रहे हैं। भाजपा की नीति और नियत में अंतर है, ये नहीं चाहते कि छत्तीसगढ़ के युवाओं को स्थाई रोजगार मिले। छत्तीसगढ़ के अनियमित कर्मचारी भाजपा पर भरोसा करके पछता रहे है, नियमित कर्मचारी के डीए और ओपीएस पर संसय की स्थिति है और अब शिक्षा कर्मी भर्ती का लालच भाजपा का नया चुनावी पैतरा है।

 

 

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