छत्तीसगढ़

753 दुष्कर्म पीड़िताओं को नहीं मिला 26.41 करोड़ का मुआवजा, हाईकोर्ट में रिपोर्ट पेश

बिलासपुर : राज्य भर में 753 दुष्कर्म पीड़िताओं को 26.41 करोड़ की मुआवजा राशि नहीं दी जा सकी है। इसके लिए शासन की ओर से फंड नहीं मिला है, जिसकी मांग की जा रही है। राज्य विधिक प्राधिकरण के सचिव ने हाईकोर्ट में इस बारे में रिपोर्ट पेश की है। हाईकोर्ट ने महाधिवक्ता को राज्य सरकार सरकार से निर्देश लेकर पूरी जानकारी देने कहा है। ध्यान रहे कि साथ ही हाईकोर्ट ने राज्य विधिक प्राधिकरण (सालसा) से पूछा था कि प्रदेश में कितने ऐसे मामले हैं जिनमें मुआवजा नहीं मिला है। कोर्ट ने इसकी पूरी जानकारी सहित रिपोर्ट 2 सप्ताह में पेश करने कहा था। सालसा की ओर से बताया गया कि सिरगिट्टी में तीन साल की मासूम की रेप और हत्या के मामले में ढाई लाख रुपए की मुआवजा राशि पहले ही दे दी गई है।

तत्काल दी जाने वाली राशि में भी देरी

इस पूरे मामले में पुलिस और प्रशासन की लापरवाही सामने आई थी तत्काल दी जाने वाली राशि भी पीड़ितों को नहीं मिली थी। इस बारे में मीडिया में खबरें आई थी। हाईकोर्ट ने इस मामले में स्वतः संज्ञान लेते हुए राज्य सरकार से जवाब मांगा था। 3 अप्रैल को चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा की डिवीजन बेंच ने सुनवाई के बाद दो दिन के भीतर मुआवजा देने का आदेश दिया था। आदेश का उसी दिन पालन करते हुए पीड़िता की मां को 25 लाख रुपये का चेक सौंप दिया गया। राज्य विधिक सहायता प्राधिकरण की ओर से कहा गया कि बाकी साढ़े 7 लाख रुपए प्रकरण में फैसला आने के बाद दिया जाएगा।

कोर्ट ने शासन से मांगा था जवाब

सिरगिट्टी क्षेत्र में 3 साल की बच्ची से दुष्कर्म और हत्या की वारदात हुई थी। मामले में आरोपी भी नाबालिग है। बच्ची का परिवार आरोपी के घर किराए से रहता है। पुलिस ने मामले में केस दर्ज करते हुए आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। हाईकोर्ट ने मामले में स्वतः संज्ञान लिया था। अधिकारियों ने इस दौरान 10 लाख रुपए देने की घोषणा की थी। इसमें ढाई लाख रुपए तत्काल और बाकी साढ़े सात लाख रुपए प्रकरण के फैसले के बाद मिलना है। ढाई लाख रुपए देने में भी देरी की गई। परिजन के मुताबिक उधार लेकर अंतिम संस्कार किया गया। हाईकोर्ट ने मामले में राज्य शासन से जवाब मांगा था।

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