राजनांदगांव

आरक्षक भर्ती फर्जीवाड़े में संदिग्ध पुलिस जवान का शव पेड़ पर लटका मिला, पूर्व सीएम बघेल ने सीएम साय से की CBI जांच कराने की मांग

राजनांदगांव। जिले से बड़ी खबर सामने आ रही है, यहां एक पुलिस आरक्षक ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली है। सुचना पर पहुंची पुलिस ने आरक्षक के शव को पोस्टमॉर्टेम के लिए अस्पताल भेज दिया है, वहीं मामले में आगे की कार्रवाई में जुट गई है।

जानकारी के अनुसार मृतक आरक्षक की पहचान अनिल रत्नाकर के रूप में की गई, जिन्होंने साल 2021 में पुलिस ज्वाइन की थी। खैरागढ़ जिले के जालबांधा पुलिस चौकी में पदस्थ था। जिसकी लाश ग्राम रामपुर के एक खेत में पेड़ पर फांसी के फंदे से लटकती हुई मिली, सुबह जब लोगों ने आरक्षक की लाश देखी तो तत्काल इसकी सुचना पुलिस को दी, पुलिस ने शव को पोस्टमॉर्टेम के लिए अस्पताल भेज दिया है। खैरागढ़ पुलिस अधीक्षक त्रिलोक बंसल और राजनांदगांव सीएसपी पुष्पेंद्र नायक ने आत्महत्या की पुष्टि की है।

बताया जा रहा है कि रत्नाकर की ड्यूटी अभी आरक्षण भर्ती में लगी थी। इसी भर्ती प्रक्रिया में लेनदेन और धांधली के आरोप लगे हैं और जिन 14 आरक्षकों पर को संदेह के घेरे में रखा गया है, उनमें रत्नाकर का नाम भी थी। ये सभी 14 आरक्षक भर्ती प्रक्रिया का काम देख रहे हैं। वहीं रत्नाकर ने किन परिस्थितियों में आत्महत्या की इसके कारणों का खुलासा अभी नहीं हो पाया है, पुलिस मामले की जांच कर रही है।

वहीं इस मामले पर पूर्व सीएम बघेल ने सीएम साय से की CBI जांच कराने की मांग 

पुलिस भर्ती घोटाला… मौत का खेल शुरू। राजनांदगांव में ग्राम घोरदा के खेत में आरक्षक अनिल रत्नाकर की फांसी के फंदे से लाश लटकी मिली है। आरक्षक के तार पुलिस भर्ती घोटाले से जुड़े होना बताया जा रहा है. सवाल यह है कि क्या यह हत्या है या आत्महत्या? क्या इसमें कोई “बड़े खिलाड़ी” शामिल हैं? किसी और को बचाने के लिए किसी और की बलि ली जा रही है? इस घोटाले और हत्या की CBI जाँच मुख्यमंत्री विष्णु देव साय जी को करवानी चाहिए.

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