जुकाम में नाक हो जाती है बंद, जानें इसका कारण और समाधान

जुकाम में नाक हो जाती है बंद, जानें इसका कारण और समाधान
नई दिल्ली। ठंड का मौसम शुरू हो गया है और इस मौसम में जुकाम होने का खतरा बढ़ जाता है. जुकाम को साधारण तौर पर नाक और गले की हल्की संक्रमण वाली स्थिति माना जाता है. इसमें नाक बहना, नाक बंद होना, बार-बार छींक आना और गले में जलन जैसी परेशानियां होती हैं. जुकाम आमतौर पर कुछ दिनों में ठीक हो जाता है, लेकिन इस दौरान नाक में सूजन और बंद होने की समस्या सबसे अधिक परेशान करती है.
जुकाम शरीर को सीधे बहुत बड़ा नुकसान नहीं पहुंचाता, लेकिन इसके लक्षण व्यक्ति की दिनचर्या पर असर डालते हैं. जुकाम की वजह से नाक से सांस लेने में दिक्कत होती है, नाक बार-बार पोंछनी पड़ती है और गले में दर्द या खराश बनी रहती है. लगातार छींक आने से थकान महसूस होती है और सिर भारी लगने लगता है. नाक के अंदर सूजन बढ़ने से नाक की नलियां संकरी हो जाती हैं, जिससे नाक बंद महसूस होती है. इसके अलावा खांसी, आंखों से पानी आना, आवाज भारी होना और स्वाद कम महसूस होना भी लक्षण के रूप में सामने आते हैं. बच्चे, बुज़ुर्ग और कमज़ोर इम्यूनिटी वाले लोगों को जुकाम के दौरान अधिक परेशानी रहती है.
जुकाम के कारण क्या हैं?
आरएमएल हॉस्पिटल में मेडिसिन विभाग में डॉ. सुभाष गिरी बताते हैं कि जुकाम का मुख्य कारण वायरस है. यह वायरस हवा के माध्यम से या जुकाम वाले व्यक्ति के संपर्क में रहने से फैलते हैं. ठंडा मौसम शरीर की नाक की सतह को सूखा कर देता है, जिससे वायरस जल्दी चिपक जाते हैं और संक्रमण शुरू हो जाता है. ठंडी हवा में बाहर जाने, पर्याप्त गर्म कपड़े न पहनने और ठंडे पेय पदार्थ अधिक लेने पर भी जुकाम का जोखिम बढ़ जाता है.
जुकाम तब भी हो सकता है जब व्यक्ति अपने हाथ बार-बार मुंह, नाक या आंखों पर लगाए और हाथ साफ न हों. नमी कम होने पर वायरस लंबा समय जीवित रहते हैं, इसलिए सर्दियों में जुकाम अधिक फैलता है. भीड़ वाले स्थानों, जैसे बाज़ार, बस, स्कूल या ऑफिस में संक्रमण का खतरा ज्यादा रहता है, क्योंकि वायरस हवा में अधिक आसानी से घूमते हैं.
कैसे करें बचाव?
बाहर जाते समय नाक और कान को गर्म रखें.
हाथ साबुन से बार-बार धोएं.
पानी पर्याप्त मात्रा में पिएं.
भीड़ वाली जगहों पर अधिक देर न रहें.
खांसी या छींक आए तो रुमाल से मुंह ढकें.



