रायपुर। अब प्रदेश के गंभीर मरीजों को उपचार के लिए अन्य राज्यों का रूख नहीं करना पड़ेगा। स्वास्थ्य अधोसंरचना में मजबूती लाने नवा रायपुर अंतरराष्ट्रीय स्तर का अस्पताल बनेगा। इसके लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल में 25 एकड़ भूमि आरक्षित करने के निर्देश भी जारी कर दिए हैं।
नवा रायपुर में बनने वाले मल्टी सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में मरीजों को इलाज की तमाम सुविधाएं दी जाएंगी। ताकि किसी भी गंभीर बीमारी के इलाज के लिए राज्य से बाहर जाने की आवश्यकता न पड़े। सीएम ने विकास खंड से लेकर जिला स्तर तक के शासकीय अस्पतालों को सर्वसुविधायुक्त बनाने के सभी कलेक्टरों से पहले ही एक्शन प्लान मांगा है।
कोरोना की दूसरी लहर के बाद मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य अधोसंरचना की मजबूती के काम को अपनी सर्वोच्च प्राथमिकता में रखा है। नवा रायपुर में अंतरराष्ट्रीय स्तर का निजी अस्पताल स्थापित होने से प्रदेश के साथ साथ पड़ोसी राज्यों को भी इसका लाभ मिलेगा। आपात स्थितियों में एयर एबुलेंस करके इलाज के लिए महानगरों में जाने की स्थिति से बचा जा सकेगा। मुख्यमंत्री ने प्रदेश के मुख्य सचिव को स्वास्थ्य विभाग से 15 दिवस के अंतर्गत इसका एक्शन प्लान तैयार करवा कर प्रस्तुत करने को कहा है।
मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव से कहा है कि इस अस्पताल में विशेषकर मल्टी ऑर्गन ट्रांसप्लांट की सुविधा के साथ ही विभिन्न प्रकार की मल्टी सुपर स्पेश्यिलिटी सुविधाओं की व्यवस्था होनी चाहिए। यह अस्पताल एक हजार से डेढ़ हजार बिस्तरों की क्षमता वाला हो तथा उसमें 50 प्रतिशत मरीजों का इलाज डाॅ. खूबचंद बघेल योजना अथवा आयुष्मान भारत योजना के तहत किए जाने की अनिवार्यता होना चाहिए।
अस्पताल की स्थापना एवं रख-रखाव पर होने वाले वार्षिक व्यय की न्यूनतम राशि की मांग शासन से करने वाले प्रतिष्ठित चिकित्सा संस्थान को ही अस्पताल निर्माण हेतु चयनित किया जाएगा।