छत्तीसगढ़

प्रदेश में 3 साल की बच्ची को बचाने तेंदुए से भिड़ी मां, डंडे से मार-मारकर तेंदुए को किया बेहाल

चंद्रपुर। माँ की ममता में बड़ी शक्ति होती है। जब बच्चा पर जान का खतरा होता है तब इंसान हो या जानवर हर माँ जंग लड़ने मैदान में उतर जाती है। मंलवार को महाराष्ट्र के चंद्रपुर में एक माँ अपने बच्चे को बचाने के लिए तेंदुए से भीड़ गई। माँ के इस साहस को सुनकर हर कोई दंग रहा। यह पूरी घटना माँ की जुबानी हम आपको बता रहे है।

 

मां अपनी तीन साल की बेटी को तेंदुए के जबड़े से छुड़ा कर लाई. बीती रात 9 बजे बच्ची अपने घर के आंगन में बैठकर खाना खा रही थी. तभी अचानक से उस पर तेंदुए ने हमला कर दिया और घसीटकर ले जाने लगा. अपनी बच्ची को तेंदुए के जबड़े में देख कर मां के होश उड़ गए. उसने बिना देरी किए डंडा उठाया और तेंदुए के पीछे भागी. फिर उस पर डंडे से वार किया. डंडे का एक वार तेंदुए के मुंह पर पड़ते ही उसने बच्ची को छोड़ दिया.

 

इस हमले में बच्ची गंभीर रूप से घायल हो गई. फौरन उसे नजदीकी अस्पताल ले जाया गया, जहां उसका इलाज चल रहा है. इस घटना के बाद गांव वाले इस तेंदुए को जान से मारने की मांग कर रहे थे. मांग पूरी न होने पर वन विभाग के 10 अधिकारियों और कर्मचारियों को बंधक बना लिया. मामला दुर्गापुर परिसर का है.बच्ची की मां ज्योति पुप्पलवार ने बताया, मैं नहाने गई थी. नहाकर जैसे ही मैं बाहर निकली तो देखा कि तेंदुए मेरी बेटी को घसीटते हुए ले जा रहा है. मैंने बिना कुछ सोचे समझे उस पर डंडे से हमला कर दिया. हमले के बाद तेंदुए ने बच्ची को छोड़ दिया. लेकिन वह फिर से हमला करने की फिराक में था. मैंने उस पर लगातार डंडे से वार किए तो वह वहां से भाग गया.”

 

दुर्गापुर परिसर में तेंदुए के हमले की यह कोई पहली घटना नहीं है. पिछले महीने ही तेंदुए के हमले से दो बुजुर्ग और दो बच्चों की जान गई है. अब तक इस परिसर में जंगली जानवरों के हमले से 15 लोगों की मौत हुई है, जिसमें 6 बच्चे भी शामिल हैं. ये 16वीं घटना है, जिसमें तीन साल की बच्ची गंभीर रूप से घायल हुई है.स्थानीय नेता रामपाल सिंघ के मुताबिक तेंदुए को मारने की मांग पर इससे पहले भी कई आंदोलन किए गए. मोर्चे निकाले गए. वन विभाग के ऑफिस में तोड़फोड़ भी की गई. लेकिन वन विभाग की ओर से अनदेखी की जा रही थी इसीलिए लोगों का गुस्सा फूटा और वन विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों को बंधक बना लिया.

 

गुस्साए लोगों ने जब 10 वन अधिकारियों और कर्मचारियों को बंधक बनाया और तेंदुए को मारने की मांग की तो वन विभाग ने भी देर रात तेंदुए को मारने के आदेश जारी कर दिए. तब जाकर लोगों ने वन विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों को छोड़ा. अब तेंदुए को पकड़कर मारने के लिए सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा है.

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