क्राइम

आखिर क्यों बढ़ते जा रहे हैं आत्महत्या के मामले, युवाओं में कैसे टूट रहा सब्र का बांध, पढ़ें पूरी खबर

रायपुर। कई पुण्य करने के बाद हमें इंसान का जीवन मिलता है जिसमे हम अपने जीवन को सुखी बना सकते हैं और दूसरों की सहायता कर सकते हैं। लेकिन इंसान आज इतना निराशावादी हो गया है कि इतनी मुश्किल और तप से मिले इस जीवन को ख़त्म करने में एक क्षण भी नहीं लगा रहा। आज पूरी दुनिया भर में आत्महत्या के जो आंकड़े साल दर साल बढ़ते जा रहे हैं वो चिंता जनक है। आज बढ़ते कॉम्पिटिशन, एक दूसरे से आगे निकलने की होड़, ज्यादा पैसे कमाने की होड़ इन्हीं सब के बीच में हमारा जीवन उलझ कर रह गया है।

आज हर दिन कई ऐसे मामले सामने आते हैं जिसमे कोई युवा, कोई वृद्ध, कोई महिला और तो और कम उम्र के बच्चे भी अपनी जीवन लीला समाप्त कर बैठते हैं। कोई कम पैसे होने की वजह से आत्महत्या कर रहा है तो कोई करोड़पति बनने बनने के बाद सुख के अभाव में मौत को गले लगा रहा है। यानि आज के जेवण में कोई भी है। सुखी न होना और संतुष्ट न होना ही आत्महत्या की बड़ी वजह बनती जा रही है। बीते कुछ सालों में हमने देखा कि है सुशांत सिंह राजपूत ने जहां कथित तौर पर आत्महत्या कर ली थी वहीँ हाल ही में मात्र 20 साल की उम्र में ही टीवी एक्ट्रेस तुनिशा शर्मा ने मौत को गले लगा लिया था

आखिर किन वजहों से कर रहे आत्महत्या?

अगर आत्महत्या के कारणों की बात करें तो कई ऐसे मामले सामने आते हैं जिनमे देखा जाता है कि आज का युवा रिजेक्शन से घबरा रहा है, अपनी हार से घबरा रहा है। युवाओं में न सुनने की आदत ख़त्म होती जा रही है। हमने कई ऐसे मामले भी देखें हैं कि किसी छात्र को घर वालों ने मोबाईल नहीं दिया तो उसने फांसी लगा कर आत्महत्या कर ली। वहीँ कई युवक युवती प्रेम में धोखा खाने के बाद ऐसी घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं।

क्या फिल्म / वेब सीरीज है इसके पीछे की वजह

आज कल के युवाओं को सबसे ज्यादा प्रभावित करता है तो वो है फिल्में और वेब सीरीज। फिल्मों या वेब सीरीज में दिखाए जाने वाले दृश्यों से लोग काफी प्रभावित हो रहे हैं। कई फिल्मों में ऐसे दृश्य दिखाए जाते हैं जिनमे उनके फेवरेट कलाकार आत्महत्या कर लेते हैं या इसकी कोशिश करते हैं। यह देखकर उनके फैंस को भी लगता है कि जब हमारा रोल मॉडल ऐसा कर रहे हैं तो हम क्यों नहीं?

एनसीआरबी ने अपनी रिपोर्ट में आत्महत्या करने के कारणों के बारे में भी बताया है जिसके मुताबिक, फैमिली प्रॉब्लम और बीमारी (एड्स, कैंसर आदि) से तंग आकर लोग सबसे ज्यादा आत्महत्या करते हैं। एक आंकड़ों के मुताबिक, 33% सुसाइड फैमिली प्रॉब्लम और 19% बीमारी की वजह से हुई है। हालांकि, इसमें ये नहीं बताया कि महिला और पुरुष ने किन कारणों से सुसाइड की।

एक रिसर्च हुई थी इसमें ये पता लगाने की कोशिश की गई थी कि आखिर महिलाओं की तुलना में पुरुष ज्यादा सुसाइड क्यों करते हैं? इस रिसर्च में सामने आया था कि समाज में पुरुषों को अक्सर ताकतवर और मजबूत समझा जाता है और इस वजह से वो अपने डिप्रेशन या सुसाइल फीलिंग को दूसरे से साझा नहीं कर पाते और आखिर में थक-हारकर आत्महत्या जैसा कदम उठा लेते हैं

एक स्टडी में बताया गया था कि बेरोजगारी के समय मर्दों के सुसाइड करने का रिस्क बढ़ जाता है, क्योंकि उन्हें ऐसा लगता है कि समाज और परिवार को जो उनसे उम्मीद है, उस पर वो खरे नहीं उतर पा रहे हैं। एनसीआरबी की रिपोर्ट बताती है कि साल 2021 में आत्महत्या की कोशिश करने के 1,863 मामले दर्ज किए गए थे, जबकि 2020 में 1,685 मामले दर्ज हुए थे। उससे पहले 2019 में 1,638 मामले सामने आए थे।

परिवार या दोस्तों से बात करे

आत्महत्या करना एक बहुत बड़ी समस्या है जिसे ख़त्म तो नहीं किया जा सकता लेकिन इसे रोका जा सकता है। अगर किसी को भी सुसाइडल थॉट्स आते हैं तो उन्हें अपने परिवार से या दोस्तों या उनसे बात करना चाहिए जिन्हें वे अपना सबसे करीबी मानते हैं। ऐसे में शायद वे परेशानी का कोई हल निकाल दें।

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