बिग न्यूज : पांच रेंज में खुलेंगे साइबर थाने… 209 चिटफंड कंपनियों पर कार्यवाही
रायपुर, । लोक निर्माण, गृह, जेल, धार्मिक न्यास, धर्मस्व और पर्यटन मंत्री ताम्रध्वज साहू के विभागों के लिए वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए सदन में प्रस्तुत लगभग 12,915 करोड़ रूपए की अनुदान मांगे सर्वसम्मति से पारित कर दी गई है। अनुदान मांगों पर विधानसभा के 15 सदस्यों ने चर्चा में भाग लिया। पारित अनुदान मांगों में लोक निर्माण कार्य विभाग अंतर्गत सड़के और पुल के लिए 3,584 करोड़ 9 लाख 4 हजार रूपए, भवन हेतु 1,549 करोड़ 93 लाख 50 हजार रूपए, विदेशों से सहायता प्राप्त परियोजनाओं के लिए 836 करोड़ 75 लाख 88 हजार रूपए, पुलिस विभाग के लिए 6401 करोड़ 68 लाख 84 हजार रूपए, गृह विभाग से संबंधित अन्य व्यय के लिए 116 करोड़ 42 लाख 56 हजार रूपए, जेल विभाग के लिए 220 करोड़ 80 लाख 36 हजार रूपए, धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व विभाग के लिए 45 करोड़ 08 लाख रूपए और पर्यटन विभाग के लिए 159 करोड़ 40 लाख 50 हजार रूपए शामिल है।
मंत्री साहू ने अनुदान मांगों पर चर्चा में कहा कि प्रदेश के विकास में बेहतर कानून व्यवस्था का महत्वपूर्ण योगदान है। खासतौर पर माओवाद प्रभावित क्षेत्र में बिना सुरक्षा के विकास कार्य करना लगभग नामुमकिन है। इसलिए हमने अभी तक 74 कैम्पों की स्थापना नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में की है तथा नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में मूलभूत सुविधाएं बढ़ाई जा रही है। उन्होंने कहा कि पुलिसिंग व्यवस्था में सुधार करने तथा बेहतर कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए गृह विभाग दृढ़ संकल्पित है। बेहतर कानून व्यवस्था, केन्द्र एवं राज्य पुलिस बलों द्वारा संयुक्त कार्यवाही से नक्सली गतिविधियों में कमी आई है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में राज्य सरकार गढ़बो नवा छत्तीसगढ़ के संकल्प के साथ आगे बढ़ रही है और यह बजट इसी मूलमंत्र पर आधारित है।
पुलिस विभाग की चर्चा में साहू ने कहा कि साइबर अपराधों में लगाम लगाने के लिए प्रदेश के सभी 5 रेंज मुख्यालयों में साइबर थानों की स्थापना की जाएगी। वर्तमान में डायल 112 की सुविधा 11 जिलों में हैं, जिसे बढ़ाकर अब 28 जिलों में किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि चिटफंड कंपनियों पर लगातार कार्यवाही की जा रही है और निवेशकों को राशि लौटाई जा रही है। उन्होंने जानकारी देते हुए कहा कि अब तक 209 अनियमित चिटफंड कंपनियों पर कार्यवाही करते हुए निवेशकों को 32 करोड़ रूपए की राशि लौटाई जा चुकी है।