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साल का पहला सुर्यग्रहण…. नग्न आंखों से देखने पर हो सकता है ‘अंधापन’….

रायपुर । 20 अप्रैल को साल 2023 का पहला सूर्य ग्रहण लगने जा रहा है. धार्मिक दृष्टिकोण से ग्रहण को अशुभ माना जाता है. लेकिन खगोल विज्ञान में इसे अद्भुत खगोलीय घटना के तौर पर देखा जाता है. ग्रहण लगने की खगोलीय घटना को देखने की ललक हर व्यक्ति में होती है. वैसे तो सूर्य ग्रहण के दौरान चंदमा, सूर्य के अधिकांश भाग को छुपाता है. लेकिन इसके बावजूद इसकी रोशनी आजीवन आंखों की क्षति या अंधेपन का कारण बन सकती है.

विशेषज्ञों का कहना है कि, सूर्य ग्रहण को कभी भी नंगी या नग्न आंखों से नहीं देखना चाहिए. ऐसा करना आंखों के लिए खतरनाक साबित हो सकता है और इससे रेटिना भी जल सकता है. इतना ही नहीं इससे अस्थायी या स्थायी दृष्टि हानि भी हो सकती है. लेकिन क्या सच में ग्रहण या ग्रहण की रोशनी को देखना आंखों के लिए खतरनाक होता है. जानते हैं आखिर क्या है इसके पीछे का सच.

हाइब्रिड सूर्य ग्रहण तब लगता है जब चंद्रमा सूर्य और पृथ्वी के बीच से गुजरते हुए सूरज को पूरी तरह ढक लेता है और जिससे चंद्रमा की छाया पृथ्वी पर पड़ती है और पृथ्वी के कई हिस्से पूरी तरह अंधकारमय हो जाते हैं. ग्रहण यूं तो कई तरह के होते हैं जैसे पूर्ण ग्रहण या आंशिक ग्रहण आदि, लेकिन इन ग्रहण के लगने पर सूर्य की बाहरी आकृति नजर आती है और साफ-साफ दिखाई देती है या फिर सूरज पर आधा ही ग्रहण लगता है. लेकिन, हाइब्रिड सूर्य ग्रहण में चंद्रमा पूरी तरह से सूरज को ढक लेता है.

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