भिलाई में स्वाइन फ्लू से पीड़ित 81 वर्षीय बुजुर्ग की बुधवार को सेक्टर-नौ अस्पताल में मौत हो गई। सूत्रों ने कहा कि इस खबर से शहर के लोगों में डर और घबराहट पैदा हो गई है क्योंकि कई लोग वायरल संक्रमण से पीड़ित हैं लेकिन यह पता लगाना मुश्किल है कि स्वाइन फ्लू से कौन पीड़ित हो सकता है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि जब स्वाइन फ्लू से पीड़ित व्यक्ति छींकता या खांसता है तो उसकी बूंदें आसपास के अन्य लोगों में भी संक्रमण फैला सकती हैं विशेषज्ञों ने लोगों को भीड़-भाड़ वाली जगहों से दूर रहने और साफ-सफाई बनाए रखने के साथ-साथ मास्क पहनने को लेकर आगाह किया है। पता चला है कि स्वाइन फ्लू से पीड़ित एक अन्य बुजुर्ग भी दल्ली राजहरा से इसी अस्पताल में इलाज के लिए पहुंचे थे और उनकी भी मौत हो गयी। लेकिन इस बीमारी से पीड़ित एक लड़का ठीक हो गया और आखिरकार उसे छुट्टी दे दी गई।
आप रहें सावधान
इस बीमारी से बचने के लिए आप भी थोड़ी सावधानी बरतें। स्वाइन फ्लू होने पर इलाज में देरी नहीं किया जाना चाहिए। फ्लू अधिक बढ़ जाता है, तब मृत्यु होने का खतरा रहता है। इसमें जिसको बुजुर्ग, बीपी, शूगर हो या कमजोर, गर्भावस्था हो, तब अधिक अलर्ट रहने की जरूरत है। इसमें पानी की कमी को दूर करने के लिए जूस, गरम सूप, पानी और तरल खाद्य पदार्थों का सेवन करना चाहिए। इसमें आराम और नींद पूरी लेनी चाहिए।
क्या है स्वाइन फ्लू
अब जानते है की आखिरस्वाइन फ़्लु है क्या ? वायरस के कारण होने वाला श्वसन रोग है यह। सूकरों के सांस लेने वाले तंत्र को संक्रमित करता है। आम तौर पर यह मौसमी फ्लू की तरह ही होता है। चेहरा से होकर, इसका वायरस मनुष्य के शरीर में प्रवेश करता है। संक्रमित मरीज अगर किसी चीज को छूता है और बाद में उसको कोई दूसरा व्यक्ति छूता है। इसके बाद हाथ को अपनी आंख, मुंह या नाक को छूता है, तब भी वह स्वाइन फ्लू से संक्रमित हो सकता है। फ्लू हवा में है, इस वजह से इसका संक्रमण आसान हो गया है।