4 अलमारी और 3 संदूकों में सोने से भरा खजाना मिला, शिफ्ट करने में लग गए 7 घंटे, जानें कितने अमीर हैं महाप्रभु जगन्नाथ
पुरी। ओडिशा के पुरी में महाप्रभु जगन्नाथ मंदिर के भीतरी रत्न भंडार (Ratna Bhandar) खजाना को बाहर निकाला गया। इस कार्य के लिए राज्य सरकार द्वारा गठित उच्च समिति के 11 सदस्यों ने कल सुबह भंडार में प्रवेश किया। भंडार में पहुंचते ही टीम के सदस्यों को तीन मोटे कांच और एक लोहे की अलमारी मिली, जो 6.50 फीट ऊंची और 4 फीट चौड़ी थी।
3 फीट ऊंचे और 4 फीट चौड़े संदूक में भरा था सोना
अलमारियों के अलावा, अंदूरी दो लकड़ी के संदूक मिले, जो 3 फीट ऊंचे और 4 फीट चौड़े थे, और एक लोहे का संदूक भी मिला। इन सभी में सोने से भरे कई बक्से रखे हुए थे। एक सदस्य ने एक बक्सा खोलकर अंदर देखा और फिर अलमारियों और संदूकों को बाहर निकालने की कोशिश लेकिन वे इतने भारी थे कि उन्हें हिलाया भी नहीं जा सका
खजाने काे शिफ्ट करने में लग गए सात घंटे
जगन्नाथ मंदिर के खजाने के वजन को देखते हुए टीम ने सभी बक्सों से निकालकर महाप्रभु के शयन कक्ष में शिफ्ट करने का फैसला किया। इस काम को करने में टीम को 7 घंटे लग गए। दोनों भंडारों में मिले सोने की प्रारंभिक अनुमानित कीमत 100 करोड़ रुपए से ज्यादा हो सकती है।
बता दें कि रविवार 14 जुलाई को 46 साल बाद रत्न भंडार खोला गया था, जिसमें बाहरी रत्न भंडार का सामान 6 बक्सों में शिफ्ट करके सील कर दिया गया था। इसमें रखे सोने और चांदी को स्ट्रॉन्ग रूम में शिफ्ट किया गया। इनर रत्न भंडार को उसी दिन खोला गया था, लेकिन वहां की स्थिति अंधेरी और गंदी होने के कारण इसे चार दिन बाद पूरी व्यवस्था के साथ फिर से खोलने का निर्णय लिया गया।