आरक्षण बिल को लेकर राजभवन से हो रही देरी पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने जतायी कड़ी आपत्ति कहा – विधानसभा से बड़ा हो गया क्या विभाग, जो जानकारी मांग रहे…
रायपुर । आरक्षण बिल को लेकर राजभवन से हो रही देरी पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कड़ी आपत्ति जतायी है। मुख्यमंत्री ने भेंट मुलाकात कार्यक्रम से लौटने के बाद मीडिया से बात करते हुए तीखी नाराजगी जतायी। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्यपाल अपनेे स्टैंड से मुकर रही है। उन्होंने कहा कि राज्यपाल के विधिक सलाहकार गलत सलाह दे रहे हैं। राज्यपाल ने कहा था मैं तुरंत हस्ताक्षर करूंगी। आरक्षण एक वर्ग के लिए नहीं होता सभी नियम सभी वर्गों के लिए होते हैं। मुख्यमंत्री न 10 सवालों को लेकर भी नाराजगी जतायी, उन्होंने कहा कि विधानसभा से पारित होने के बाद विभागों से जानकारी नहीं ली जाती, विधानसभा से बड़ा हो गया क्या विभाग ?
मुख्यमंत्री ने इसे लेकर भाजपा पर निशाना साधा, मुख्यमंत्री ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी के द्वारा राजभवन में खेल हो रहा है। ये ठीक नही पहले कुछ और स्टैंड था अब वह स्टैंड बदलता जा रहा है। आरक्षण केवल आदिवासियों के लिए नहीं है। उनके साथ साथ पिछड़े वर्ग और अनुसूचित जाति और ews के लिए भी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि विधानसभा कार्रवाई चलती है तो राजभवन पूरी कार्रवाई सुनता है वहां स्पीकर लगा रहता है। विधानसभा के अधिकारी भारतीय जनता पार्टी के हाथों की कठपुतली बने हुए हैं जो प्रदेश के हित मे नही है। EWS में 10% देने से सुप्रीमकोर्ट की गाइडलाइंस वैसे ही 50% से ऊपर हो गया। राज्य सरकार पिछड़े वर्ग को 27% दे रहे तो गलत क्या है।
मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि आरक्षण का लाभ मिले ये सब चाहते है तो गलत क्या है। भाजपा ने समर्थन किया है और अब क्या कर रहे है उनके एक मुंह नही है दो मुंह है। विधानसभा से पारित होने से बाद किसी विभाग से अनुमति की जरूरत नहीं होती। भाजपा की तरफ से पूरा खेल हो रहा है । मुख्यमंत्री ने कहा कि सरगुजा से बस्तर तक राज्यपाल घूमी है, वहां पिछड़े वर्ग की स्थिति क्या है। ये उन्हें नहीं पता है क्या। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज पिछड़े वर्ग के स्तर को सुधारने की कोशिश की जा रही है, तो उसमें गलत क्या है।