राज्य स्तरीय युवा महोत्सव के दूसरे दिन प्रतिभागियों द्वारा भरपूर ऊर्जा और जोश के साथ पंथी नृत्य की शानदार प्रस्तुति
रायपुर। राज्य स्तरीय युवा महोत्सव के दूसरे दिन साईंस कालेज मैदान के मुख्य मंच में पंथी नृत्य की मनमोहक प्रस्तुति देखने को मिली। युवा कलाकारों ने पारंपरिक वेशभूषा में शानदार प्रस्तुति दी। इस प्रतियोगिता में संभाग के विभिन्न जिलों के पंथी नर्तक दलों ने हिस्सा लि 15 से 40 आयु वर्ग में बस्तर संभाग के कोंडागांव ने तथा 40 से अधिक आयु वर्ग में दुर्ग संभाग के बेमेतरा ने प्रथम स्थान प्राप्त किया।
15 से 40आयु वर्ग मे दुर्ग जिले ने द्वितीय स्थान तथा बिलासपुर जिले ने तीसरा स्थान प्राप्त किया। इसी प्रकार 40 से अधिक आयु वर्ग की पंथी नृत्य प्रतियोगिता में रायपुर संभाग के रायपुर जिले ने दूसरा स्थान तथा सरगुजा संभाग के कोरिया जिले ने तीसरा स्थान प्राप्त किया
पंथी नृत्य प्रतियोगिता में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले नर्तक दल को 10 हजार रुपये की राशि एवं मोमेंटो, द्वितीय स्थान प्राप्त करने वाले नर्तक दल को सात हजार पाँच सौ रुपये तथा मोमेंटो, इसी प्रकार तीसरा स्थान प्राप्त करने वाले नर्तक दल को 05 हजार रुपये की राशि तथा मोमेंटो प्रदान की जाएगी
पंथी नृत्य में 15 से 40 आयु वर्ग प्रतियोगिता में रायपुर संभाग के प्रतिभागियों ने सतनाम पंथ के प्रवर्तक गुरु घासीदास जी के संदेशों को नृत्य- गीत के माध्यम से प्रस्तुत किय़ा। बेरा बखत के मोल ना समझो समय बड़ा बलवान है…अर्थात जीवन में समय का बड़ा महत्त्व होता है इस संदेश के साथ नृत्य की शानदार प्रस्तुति दी। दूसरे क्रम में सरगुजा संभाग के सूरजपुर जिले के प्रतिभागियों ने नृत्य के माध्यम से पिरामिड बनाकर साहसिक प्रदर्शन कर गीत के माध्यम से संदेश दिए। उन्होंने सुमर लगाऊ तोर, वंदना ला सुन ले मोर, ज्ञान गंगा ज्ञान दाता गुरु बाबा मोर…..गीत गायन के साथ गुरु बाबा गुरुघासीदास का स्मरण करते हुए मनमोहक प्रस्तुति दी।तीसरे क्रम में दुर्ग संभाग के दुर्ग जिले के पंथी नर्तकों ने पिरामिड बनाकर अद्भुत प्रस्तुति दी और अपने जोश एवं उल्लासपूर्ण नृत्य से लोगों को मंत्रमुंग्ध कर दिया। चौथे क्रम में बस्तर संभाग के कोंडागांव जिला और पांचवे और अंतिम प्रस्तुति बिलासपुर संभाग के जिला बिलासपुर के मस्तूरी विकासखंड के ग्राम रलिया के पंथी नर्तको ने दी।
कोंडागांव के दल ने सत्य के जोत जला के सतनाम बगराये, भक्त मन ला रद्दा दिखा के ज्ञान के दीप जलाए…..गीत के साथ बाबा गुरुघासीदास जी का चरणवन्दन कर पंथी नृत्य की प्रस्तुति दी। मांदर और झांझ की ताल, सामूहिक रूप से कलाकरों के पैरों की लय, कलाकरों के जोश और उनके करतबों ने, पिरामिड बनाकर सलामी की प्रस्तुति ने दर्शकों को सहसा अपनी ओर आकर्षित किया। पंथी नृत्य में लड़कियों के समूह के जोशीले प्रदर्शन ने दर्शकों की भीड़ जुटाने में मुख्य भूमिका निभाई।