छत्तीसगढ़

CM भूपेश का बड़ा ऐलान, महिलाओं को छोटे उद्योगों के लिए मिलेगी लोन और सब्सिडी की सुविधा…महिला संरक्षण अधिकारी व पर्यवेक्षक हुए सम्मानित

रायपुर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि छत्तीसगढ़ सरकार महिलाओं को हर क्षेत्र में आगे बढ़ने में मदद कर रही है। उन्होंने कहा कि महिलाओं को छोटे उद्योगों के लिए लोन और सब्सिडी की सुविधा देने की पहल की जाएगी, जिससे महिलाएं आर्थिक रूप से सशक्त हो सकें। मुख्यमंत्री श्री बघेल आज राजधानी के बीटीआई ग्राउंड में आयोजित राज्य स्तरीय महिला सम्मेलन को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने इस मौके पर सरगुजा, दुर्ग, कोरिया जिले की महिला संरक्षण अधिकारियों, 5 पर्यवेक्षकों और बिलासपुर, बालोद और नारायणपुर जिले में संचालित सखी वन स्टॉप सेंटर को सम्मानित किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता महिला एवं बाल विकास मंत्री  अनिला भेंड़िया ने की

मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ महिला कोष से 8 महिला समूहों और 3 महिलाओं को स्वरोजगार और आर्थिक गतिविधियों के लिए 2 लाख से लेकर 4 लाख रूपए तक के चेक वितरित किए। कार्यक्रम में संसदीय सचिव श्रीमती रश्मि आशीष सिंह, धरसींवा विधायक श्रीमती अनिता योगेन्द्र शर्मा, पंडरिया विधायक श्रीमती ममता चन्द्राकर, विधायक रायपुर उत्तर श्री कुलदीप जुनेजा, पूर्व सांसद श्रीमती छाया वर्मा, छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक, छत्तीसगढ़ बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष  तेजकुंवर नेताम सहित अनेक जनप्रतिनिधि बड़ी संख्या में महिलाएं उपस्थित थीं।

मुख्यमंत्री बघेल ने महिलाओं को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस की अग्रिम बधाई और शुभकामनाएं देते हुए कहा कि महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए राज्य सरकार ने ऐसी योजनाएं शुरू की, जिससे महिलाओं के पास पैसा जाए और उनका आत्मविश्वास बढ़े। राज्य सरकार ने महिला समूहों का 13 करोड़ ऋण माफ किया। ऋण योजना में लोन की सीमा बढ़ाकर 04 लाख रूपए कर दिया है। महिलाएं आगे बढ़कर ज्यादा से ज्यादा योजनाओं का लाभ लें।

बघेल ने कहा कि राज्य सरकार गोबर खरीद कर समूह के माध्यम से वर्मी कम्पोस्ट बनवा रही। पहले इसकी आलोचना हुई लेकिन अब तक हमने 200 करोड़ रूपए की गोबर खरीदी कर ली है। इसका आधा पैसा महिलाओं को जा रहा है। महिलाएं गोबर से प्राकृतिक पेंट भी बना रही है। इस प्राकृतिक पेंट से सरकारी कार्यालयों में पोताई कराने के निर्देश जारी कर दिया है। इसी प्रकार महिलाएं वर्मी खाद, गमला, सब्जी उत्पादन जैसी कई गतिविधियों से जुड़ी हैं। रीपा में महिला उद्यमियों को भी लघुकुटीर उद्योगों को प्रारम्भ करने जमीन, बिजली, पानी जैसी जरूरी सुविधाएं दी जा रही है।

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