छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़ में नक्सलियों का सफाया जरूरी

रायपुर। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) ने नक्सलियों के खिलाफ कार्रवाई की ठोस पहल करते हुए इनामों की घोषणा की है। सहज विश्वास नहीं होता कि सात नक्सलियों पर एक से दो करोड़ रुपये का इनाम घोषित है। इससे समस्या की गंभीरता को समझा जा सकता है।

तीन अप्रैल को 22 जवानों की शहादत के बाद एनआइए का यह कदम अहम है तथा उम्मीद जगती है कि केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की घोषणा साकार रूप लेगी। यहां गौर करने वाली बात यह भी है कि छत्तीसगढ़ में एक करोड़ से अधिक इनाम वाले सात नक्सलियों में से चार तेलंगाना, दो झारखंड और एक बंगाल के मूल निवासी हैं।

बीजापुर में जवानों पर हमले का मुख्य दोषी नक्सल कमांडर हिड़मा इन शीर्ष इनामी नक्सलियों की सूची में कहीं नहीं आता। तेलंगाना के मूल निवासी वसवराजू उर्फ प्रकाश, मुपल्ला लक्ष्मण राव उर्फ रमन्नाा कट्टकम सुदर्शन उर्फ आनंद और मल्लुजुला वेणुगोपाल उर्फ विवेक ऐसे नक्सली नेता हैं, जिन्हें स्थानीय विरोध के कारण अपनी जमीन से तो उजड़ना पड़ा, परंतु छत्तीसगढ़ को ठिकाना बना लिया।

झारखंड के मिशिर बेसरा उर्फ भास्कर और विवेक चंद्री यादव उर्फ प्रयाग भी अब एनआइए के निशाने पर हैं। उम्मीद की जानी चाहिए कि सूची में शामिल बंगाल का किसन दा उर्फ प्रशांत बोस भी अधिक समय तक पहुंच से बाहर नहीं रहेगा।

छत्तीसगढ़ के साथ-साथ महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, झारखंड और ओडिशा के कुछ हिस्सों में नक्सली सक्रिय हैं, परंतु बस्तर मंडल उनका गढ़ बना हुआ है। अशिक्षा का लाभ उठाते हुए क्षेत्र के आदिवासियों का शोषण कर रहे ये नक्सली, विकास की प्रक्रिया में बड़े बाधक बने हुए हैं। इस क्षेत्र का प्राकृतिक संसाधन नक्सल नेताओं के लिए अकूत आमदनी का जरिया बना हुआ है।

सड़कें, बिजली, पानी और शिक्षा व्यवस्था का तेजी से विस्तार हो रहा है। इसमें जवानों का अहम योगदान है। नक्सलियों का साथ छोड़कर घर लौट रहे क्षेत्र के युवा डीआरजी (डिस्ट्रिक्ट रिजर्व गार्ड) का हिस्सा बनकर ताकत बढ़ा रहे हैं। कोरना की समस्या ने नक्सलियों के सफाए के लिए अच्छा अवसर प्रदान किया है।

लाकडाउन के कारण आम जनजीवन शांत है। ऐसे में जवानों को नक्सलियों की मांद में घुसने का मौका मिला है। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की तरफ से स्थानीय स्तर पर ही नीति बनाकर कार्रवाई करने की छूट दिए जाने के बाद एनआइए द्वारा इनामों की घोषणा से उम्मीद जगी है कि नक्सलियों के सफाए का निर्णायक दौर शुरू हो चुका है।

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