छत्तीसगढ़

कोरोना संकट के चलते : ऑक्सीजन स्तर गिरने से थम रही सांसे

रायपुर। कोरोना संक्रमण दूसरे स्टेज में है। पहले सर्दी, जुकाम, बुखार, खासी ही इसके प्रमुख और पहली स्टेज के लक्षण माने जाते थे। मगर अब सांस लेने में तकलीफ यानी की ब्रेथलेसनेस के मरीजों की संख्या एकाएक बढ़ती जा रही है। राजधानी समेत प्रदेश में हो रही मौत का बड़ा कारण थी ब्रेथलेसनेस ही है। राजधानी में 90 फीसद मरीजों की मौत की वजह ब्रेथलेसनेस है।

नौ अप्रैल से लगाए गए लॉकडाउन के बाद 10 अप्रैल से 27 अप्रैल तक रोजाना औसतन 56 मौत हो रही हैं। रायपुर में 18 दिन में 1015 लोगों ने अपनी जान गंवाई है। मौतों का कारण सांस संबंधी बीमारी, सांस लेने में परेशानी, सांस फूलना और शरीर में ऑक्सीजन लेवल का गिरना पाया गया है। पड़ताल में सामने आया कि सांस की बीमारी के मरीज बहुत देरी से अस्पताल पहुंच रहे हैं।

जांच में वे कोरोना संक्रमित पाए जा रहे हैं। देखते ही देखते ऑक्सीजन और फिर वेंटीलेटर तक पहुंच जा रहे हैं। डॉक्टरों की तमाम कोशिशों के बाद भी जान बचा पाना मुश्किल हो रहा है। यही वजह है कि बार-बार स्वास्थ्य विभाग और विशेषज्ञ कह रहे हैं कि सांस के मरीज पूरी सावधानी बरतें।

डॉ. भीमराव आंबेडकर अस्पताल के टीबी एंड चेस्ट विभागाध्यक्ष डॉ. आरके पंडा का कहना है कि हमारे शरीर में ऑक्सीजन का लेवल 94 से 100 प्रतिशत के बीच होना चाहिए। इसमें गिरावट आ रही है तो वह ठीक नहीं है। तत्काल विशेषज्ञ को दिखाएं। इसके लिए खुद से ऑक्सीमीटर के जरिए ऑक्सीजन लेवल चेक करते रहें।

कोरोना वायरस के शुरुआती लक्षण से एक स्टेप ऊपर वाला लक्षण है सांस लेने में तकलीफ होना। अभी ब्रेथलेसनेस के काफी मरीज सामने आ रहे हैं। मौत भी हो रही हैं। इससे संबंध में लोगों को जागरूक किया जा रहा है।

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