
छत्तीसगढ़ में 86% वाहन बिना HSRP : डेडलाइन खत्म, अफसरों-नेताओं की गाड़ियां भी बिना हाई सिक्योरिटी प्लेट…
दुर्ग। छत्तीसगढ़ में हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट (HSRP) लगाने की आखिरी तारीख बीत चुकी है, लेकिन अब भी 86% वाहन बिना HSRP के सड़कों पर दौड़ रहे हैं। चौंकाने वाली बात यह है कि नियम लागू कराने वाले अफसर और जनप्रतिनिधि खुद इस नियम का पालन नहीं कर रहे। दुर्ग में कलेक्टर, निगम आयुक्त, सभापति, अपर कलेक्टर, एसडीएम से लेकर पुलिस और वन विभाग के अफसरों की गाड़ियों में अब तक पुरानी प्लेट ही लगी हुई है।
प्रदेश में 2019 से पहले पंजीकृत वाहनों पर HSRP लगाना अनिवार्य किया गया था। इसकी डेडलाइन 15 अप्रैल 2025 तय की गई थी। नियम तोड़ने पर 500 से 10 हजार रुपए तक का जुर्माना लग सकता है।
राज्य के 52.48 लाख पुराने वाहनों में से अब तक केवल 7.09 लाख (13.52%) गाड़ियों पर ही HSRP लग पाई है। दुर्ग जिले में स्थिति थोड़ी बेहतर है, यहां 20.73% वाहनों में HSRP लग चुकी है। फिर भी करीब 80% वाहन अब भी नियम से बाहर हैं।
क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी एसएल लकड़ा ने कहा कि सभी शासकीय और वीआईपी वाहनों में भी HSRP लगाना अनिवार्य है। अधिकारियों का तर्क है कि मैनपॉवर की कमी से प्रक्रिया धीमी चल रही है।
क्या है HSRP?
हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट विशेष धातु से बनी होती है और इसमें लेजर कोड, क्रोमियम-आधारित होलोग्राम और पिन्स होते हैं। इससे वाहन चोरी और फर्जी नंबर प्लेट पर रोक लगाई जा सकती है।
HSRP की कीमत
- टू-व्हीलर: ₹365.80
- थ्री-व्हीलर: ₹427.16
- कार/LMV: ₹656.08 से ₹705.64
- डीलर से इंस्टॉलेशन चार्ज: ₹100 अतिरिक्त
- घर पहुंच सेवा पर अलग शुल्क
सुप्रीम कोर्ट और केंद्र सरकार के निर्देश के बाद यह नियम लागू किया गया था। अब सवाल ये है कि जब बड़े अफसर और जनप्रतिनिधि ही नियमों का पालन नहीं कर रहे, तो आम जनता पर कड़ाई कैसे की जाएगी।