रायपुर। नौ वर्षीय सौतेली बेटी के साथ दुष्कर्म के दोषी पिता को फास्ट ट्रैक कोर्ट ने मरते दम तक की सजा सुनाई है। कोर्ट ने आरोपित पर 50 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया है। पुलिस के मुताबिक, तेलीबांधा निवासी एक महिला ने महिला थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि वह अपने दूसरे पति अर्जुल पाल (35) के साथ रहती थी। पांच जून को वह अपनी नौ वर्षीय सौतेली बेटी के साथ दुष्कर्म कर फरार हो गया था।
इस पर पुलिस ने आरोपित के खिलाफ पाक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू की। वहीं, पीड़ित बच्ची को अस्पताल में भर्ती कराकर उसका इलाज कराया। घटना के बाद से बच्ची गहरे सदमे में थी। इसके बाद उसे माना स्थित राष्ट्रीय संस्था एसओएस (सेव अवर सोल) में भेज दिया।
इधर, उपनिरीक्षक दिव्या शर्मा के नेतृत्व में पुलिस ने आरोपित की गिरफ्तारी के लिए प्रयास किए गए और जल्द ही उसे धर दबोचा गया। इसके बाद आरोपित सौतेले पिता के खिलाफ पुलिस ने मजबूत केस बनाकर कार्रवाई शुरू की। मामले की गंभीरता को देखते हुए प्रकरण पांच दिन के भीतर गुरुवार को जिला न्यायालय में अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश शुभ्रा पचैरी के विशेष न्यायालय में प्रस्तुत किया गया।
शासकीय अधिवक्ता मौरिसा नायडू की दलील पर माननीय न्यायाधीश ने अर्जुन पर दोष सिद्ध होने पर मरते दम तक की सजा सुनाई है। इस तरह की दुर्दांत और रिश्तों को झकझोर कर रख देने वाली वारदातों में बिना देरी के ऐसी सख्त सजा होने से अपराधियों के हौंसले पस्त होंगे।