छत्तीसगढ़

राजधानी में पपीता का जैम बनाने की विधि सीख रहे विद्यार्थी, रोजगार से जोड़ने के लिए अभिनव पहल

रायपुर। विद्यार्थियों को रोजगार से जोड़ने के लिए इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय ने एक अभिनव पहल की है। पहली बार विद्यार्थियों को पपीपा का जैम बनाने की विधि के बारे में प्रशिक्षण दिया जा रहा है। प्रशिक्षण में जगदलपुर, दुर्ग, धमतरी, जांजगीर-चांपा, भाटापारा, राजनांदगांव के कृषि महाविद्यालय के लगभग 100 विद्यार्थियों शामिल है। प्रशिक्षण कृषि विज्ञान केंद्र के डा. रेखा सिंह, स्वाति सिंह द्वारा दिया जा रहा है

इसमें सिखाया जा रहा है कि पपीपा से जैम किस तरह से बनाया जाता है। इसकी पैकेजिंग करके बाजार में कैसे मुनाफे कमा सकते हैं, आदि के बारे में जानकारी दी जा रही है। उल्लेखनीय है कि विश्वविद्यालय द्वारा इससे पहले ओम सांई राम स्व सहायता समूह ग्राम मांढर के महिलाओं को प्रशिक्षित किया है।

वहां समूह की महिलाओं पपीता का जैम बनाकर सीधे बाजार या विश्वविद्यालय के विक्रय स्थल तक पहुंचा रही हैं। वहीं, इसकी मांग भी दिनों दिन बढ़ रही है। पपीता का जैम बनाने के लिए पपीता और चीनी (शक्कर), प्रिजरवेटिव साइट्रिक एसिड का इस्तेमाल करते है, जो पूरी तरह से प्रोटीन से भरपूर रहता है।

पढ़ाई के करने के बाद विद्यार्थी बेरोजगार न हो। इसके लिए विश्वविद्यालय में विद्यार्थी को पपीपा का जैम बनाने की विधि सिखाई जा रही है। इसके छात्र-छात्राएं भी बड़ी उत्सुक से भी शामिल हो रहे है। अभी तक 100 से अधिक विद्यार्थी को पपीता का जैम बनाने की विधि सिखाई जा रही है।

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