छत्तीसगढ़

रायपुर में डाक्टर की संदिग्ध मौत का राजफाश पीएम रिपोर्ट से, दोस्त का बयान व स्वजनों का अलग

रायपुर। मध्य प्रदेश उमरिया शहडोल के डाक्टर की मौत के मामले में नया मोड़ सामने आया है। मृतक डाक्टर के दोस्त अजय का बयान घर वालों ने सिरे से खारिज कर दिया है। पुलिस ने अब डाक्टर की खुदकुशी के मामले की जांच अलग-अलग एंगल पर शुरू कर दी है। वहीं, शार्ट पीएम रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा। रविवार को गंज थाना पुलिस ने स्वजनों को शव सौंप दिया।

उल्लेखनीय है कि मध्य प्रदेश के उमरिया शहडोल निवासी डा. जितेंद्र विश्वकर्मा (38) की रायपुर के गंज थाना क्षेत्र स्थित संदीप होटल के कमरे संदिग्ध परिस्थिति में शुक्रवार को खुदकुशी कर ली थी। दोस्त अजय निषाद के घटना के समय जोमैटो वाले से खाना लेने के लिए होटल के नीचे गया था। 15 मिनट बीतने के बाद जब वह कमरे में आया तो डाक्टर जितेंद्र का कमरे के फंदे में लटकता रहा था। इसके बाद सबको इसकी जानकारी दी गई। मगर, अब डाक्टर के स्वजनों के बयान के बाद मामला उलझता नजर आ रहा है।

दोस्त ने बताया घर में कलह

दोस्त ने शुरुआती पूछताछ में पुलिस को बताया था कि मृतक डाक्टर जितेंद्र विश्वकर्मा का घरेलू विवाद चल रहा था।इससे काफी परेशान था। वहीं स्वजनों ने सीधे तौर पर घरेलू विवाद से इंकार कर दिया है। स्वजन भी खुदकुशी ने आश्चर्य चकित हैं।

काल हिस्ट्री निकाली जा रही

पुलिस मृतक के मोबाइल की पड़ताल शुरू कर दी है। सीडीआर के माध्यम से मृतक के मोबाइल की जानकारी निकाली जा रही। वहीं घटना के दौरान उससे पहले आखिरी किससे बात हुई थी, इसकी जानकारी निकाली जा रही।

डा. जितेंद्र विश्वकर्मा के पिता गोवर्धन विश्वकर्मा ने आरोप लगाया कि जितेंद्र ने खुदकुशी नहीं की, बल्कि यह हत्या है। उन्होंने कहा कि एक युवक के परिवार की महिला के साथ उसके संबंध थे। इसलिए योजनाबद्ध तरीके से हत्या की गई। मृतक के पिता गोवर्धन विश्वकर्मा ने बताया कि इससे पहले उनका परिवार अनूपपुर जिले के राजनगर में रहता था। वे राजनगर कालरी में नौकरी करते थे और उनका बेटा डा. जितेंद्र विश्वकर्मा वहीं डिस्पेंसरी चलाता था।

यहीं जिले के एक युवक से डा. जितेंद्र की पहचान हुई और उसने परिवार की महिला का कई बार इलाज कराया था। इसी मेल-मुलाकात के दौरान डा. जितेंद्र के महिला से संबंध बन गए। उनका कहना है कि कुछ दिन पहले डा. जितेंद्र विश्वकर्मा के फोन पर महिला की बेटी का फोन आया था और वह जितेंद्र को धमका रही थी कि वह उनकी मां के साथ संबंध तोड़ ले। हालांकि, डा. जितेंद्र विश्वकर्मा ने उस युवती को समझाया था कि उनका उनकी मां के साथ किसी भी तरह का कोई संबंध नहीं है। जितेंद्र पिछले एक साल से उमरिया जिले के महरोई में रहकर ही डिस्पेंसरी चला रहा था।

पत्नी से नहीं था कोई विवाद

गोवर्धन विश्वकर्मा का कहना है कि कुछ समय पहले जितेंद्र को भोपाल ले जाकर हत्या की साजिश की गई थी। वहां कामयाबी नहीं मिली, तो उसे षड़यंत्र कर रायपुर में ले जाया गया और होटल के कमरे में हत्या कर दी गई। इधर गंज पुलिस को पूछताछ में मृतक के दोस्त अजय निषाद ने बताया था कि पत्नी से घरेलू विवाद चल रहा है। इसी विवाद के कारण उन्होंने खुदकुशी की है। जबकि उनके पिता गोवर्धन विश्वकर्मा का कहना है कि डा. जितेंद्र का अपनी पत्नी से किसी भी तरह का कोई विवाद नहीं था। पत्नी सुनीता विश्वकर्मा, उनकी पुत्री श्री और स्वाति व पुत्र विनायक सभी के साथ डा. जितेंद्र महरोई में ही रह रहे थे।

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