छत्तीसगढ़ में दिवाली के बाद उग्र आंदोलन की चेतावनी, मांगों को लेकर राजभवन पहुंचेंगे व्याख्याता संघ, बैठक में लिया फैसला
रायपुर। राजधानी के प्रो. जेएन पाण्डे स्कूल में छत्तीसगढ़ व्याख्याता संघ जिला कार्यकारिणी की बैठक हुई। इस बैठक में पदोन्नति, वेतनमान सहित आत्मानंद अंग्रेजी स्कूल की वजह से प्रभावित हिन्दी माध्यम स्कूलों की समस्याओं को लेकर राज्यपाल से मिलने का फैसला लिया गया है। साथ ही पदोन्नति की मांग को लेकर दिवाली के बाद संगठन द्वारा उग्र आंदोलन करने की भी रणनीति बनाई गई है।
यह बैठक प्रांतीय अध्यक्ष राकेश शर्मा और जिलाध्यक्ष अरूण कुमार साहू की अध्यक्षता में हुई। समस्याओं को लेर प्रांतीय अध्यक्ष राकेश शर्मा ने बताया कि संगठन कि ओर से लगातार शासन को पत्र, ज्ञापन व चर्चा करके समस्याओं से अवगत कराया गया है। लेकिन प्राचार्य के रिक्त पदों पर व्याख्याताआंे के पदोन्नति सूची जारी नहीं होने, सहायक शिक्षकों को समयमान वेतनमान नहीं मिलने एवं आत्मानंद अंग्रजी स्कूल के नाम पर हिन्दी माध्यम स्कूलों को बंद करने के संबंध में कोई फैसला नहीं लिया गया है। विभाग के अधिकारियों के उदासीन रवैये से नाराज संगठन के दाधिकारियों ने निर्णय लिया है कि इस संबंध में शीघ्र ही राज्यपाल से भेंटकर अपनी समस्याओं को अवगत कराएंगे।
दिवाली के बाद करेंगे उग्र आंदोलन
प्राचार्य पद पर पदोन्नति की मांग संगठन द्वारा लगातार करते आ रहे है। लेकिन अभी तक इसपर कोई निर्णय नहीं लिया गया है। संगठन ने इस पर शिक्षा विभाग व राज्य सरकार से जल्द निर्णय लेने की मांग करते हुए जल्द मांग पूरा नहीं किए जाने पर दिवाली के बाद उग्र आंदोलन की चेतावनी दी है।
राज्य सरकार पर कोई आर्थिक भार नहीं
संगठन के प्रदेश अध्यक्ष राकेश शर्मा ने बताया कि प्रदेश में प्राचार्य के लगभग तीन हजार पद खाली है। पिछले आठ सालों से व्याख्याताओं की पदोन्नति नहीं हुई है। वहीं अबतक 1500 से अधिक व्याख्याता रिटायर्ड हो चुके है। उन्होंने कहा कि व्याख्याताओं की प्राचार्य पद पर पदोन्नति से राज्य सरकार पर कोई आर्थिक भार नहीं आएगा। क्योंकि प्राचार्य पद पर मिलने वाले वेतन के बराबर ही व्याख्याताओं को भी वेतन मिल रहा है। कई ऐसे भी व्याख्याता है जिन्हें इससे उपर वेतन मिल रहा है।