छत्तीसगढ़ में 8 साल बाद झीरम हमले की जांच जस्टिस प्रशांत मिश्रा ने की पूरी, रिपोर्ट सौंपा राज्यपाल को.. कांग्रेस ने उठाए सवाल
रायपुर। 25 मई 2013 को बस्तर के दरभा थाना क्षेत्र के झीरम घटी में हुए कांग्रेसी नेताओं के ऊपर हमले की जांच कर रहे जस्टिस प्रशांत मिश्रा ने अपनी रिपोर्ट शनिवार को राज्यपाल अनुसुइया उइके को सौंप दी है। जस्टिस प्रशांत मिश्रा ने 8 साल बाद यह जांच पूरी की। 28 मई 2013 को जस्टिस प्रशांत मिश्रा की अध्यक्षता में उन्हें जांच का जिम्मा सौंपा गया था।
जस्टिस प्रशांत मिश्रा ने 10 खंडों और 4 हजार 184 पेज में तैयार की गई है। राज्यपाल को रिपोर्ट सौंपे जाने के बाद कांग्रेस ने इसे लेकर आपत्ति दर्ज की है। कांग्रेस का कहना है सामान्यतया जब भी किसी न्यायिक आयोग का गठन किया जाता है तो आयोग अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपती है।
झीरम नरसंहार के लिए गठित जस्टिस प्रशांत मिश्र आयोग की ओर से रिपोर्ट सरकार के बदले राज्यपाल को सौंपना ठीक संदेश नहीं दे रहा है। कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा जब आयोग का गठन किया गया था तब इसका कार्यकाल 3 महीने का था तीन महीने के लिए गठित आयोग को जांच में 8 साल कैसे लग गया ?
शुक्ला ने आगे कहा है आयोग ने हाल ही में यह कहते हुए सरकार से कार्यकाल बढाने की मांग की थी कि जांच रिपोर्ट रिपोर्ट तैयार नही है इसमें समय लगेगा। जब रिपोर्ट तैयार नही थी आयोग इसके लिए समय मांग रहा था फिर अचानक रिपोर्ट कैसे जमा हो गयी ? यह भी शोध का विषय है। उन्होंने पूछा है कि ऐसा क्या है जो सरकार से छुपाने की कोशिश की जा रही है? कांग्रेस ने राज्य सरकार से झीरम कांड के व्यापक जांच के लिए एक न्यायिक जांच आयोग गठन कर नए सिरे से जांच की मांग की।