छत्तीसगढ़

खेती व खेतिहरों को बचाने कृषि के मौसम में मनरेगा मद से कार्यों पर लगे रोक

आरंग। खेती के व्यस्त मौसम में भी ग्रामीणों इलाकों में मनरेगा मद से कार्य प्रारंभ कराये जाने से खेती पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है । किसानों के विरोध के बाद भी खेती का मर्म न समझने वाले अधिकारी पंचायत पर दबाव बना मनरेगा मद से कार्य शुरू कराने मौखिक दबाव बना कार्य शुरू करा रहे हैं जिसके चलते किसानों को खेती करने में दिक्कतें आ रही है ।

किसान संघर्ष समिति ने प्रधानमंत्री सहित प्रदेश के मुख्यमंत्री व कृषि मंत्री को मेल से ज्ञापन प्रेषित कर खेती व खेतिहरों को बचाने इस पर रोक लगाने व दबाव बनाने वाले अधिकारियों पर कार्यवाही की‌ मांग करते हुये कहा है कि इस मौसम में खेतिहर मजदूरों के लिये पर्याप्त काम रहता है और इस पर रोक न लगाने से किसानों को खुशहाल बनाने का केन्द्र व राज्य सरकार का सपना केवल ख्वाब बनकर ही रह जावेगा ।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी व प्रदेश के‌ मुख्यमंत्री भूपेश बघेल तथा कृषि मंत्री रवीन्द्र चौबे को प्रेषित ज्ञापन में किसान संघर्ष समिति के संयोजक भूपेन्द्र शर्मा ने बतलाया है कि छत्तीसगढ़ में 90 प्रतिशत खेती आज भी एकफसली है और किसान खरीफ धान की फसल लेने के साथ-साथ खेतों की नमी व ठंड के मौसम का फायदा ले इन खेतों से उतेरा व ओल्हा उन्हारी फसल लेते हैं और इसके बाद तकरीबन 3 माह खेत खाली पड़ा रहता है ।

ज्ञापन कै अनुसार खरीफ फसल की बुवाई से ले उसे काटने – मिसने व सोसायटियों तक पहुंचाने व उतेरा व ओल्हा बुवाई व कटाई मिसाई तक तक खेती में पर्याप्त काम रहता है व अषाढ़ से लेकर आधे चैत्र मास तक खेती का व्यस्त मौसम होने व इस दौरान खेतिहर मजदूरों के लिये काम की‌ कोई कमी न होने की जानकारी देते हुये उन्होंने बतलाया है कि बीते कई वर्षों से यह देखने में आ‌ रहा है कि खेती के‌ इस मौसम में भी खेती का मर्म न समझने वाले अधिकारीगण अपने अधीनस्थों के माध्यम से पंचायतों पर मौखिक दबाव बना मनरेगा मद से काम शुरु करा देते हैं और खेतिहर मजदूर भी जाने – अनजाने कारणों से खेती के बदले मनरेगा के कार्यों को प्राथमिकता देते हैं और इसका खामियाजा किसानों को भुगतना पड़ता है ।

प्रशासन में खेती की समझ रखने वाले अधिकारियों द्वारा इस स्थिति को समझने के बाद भी वरिष्ठों के दबाव में पंचायत को मजबूर करने की बात आपसी चर्चा में स्वीकारने की जानकारी देते हुये उन्होंने सत्ता व विपक्ष में बैठे कथित किसान हितैषी जनप्रतिनिधियों की चुप्पी पर सवाल उठाते हुये उन्होंने आग्रह किया है कि खेती व खेतिहरों के व्यापक हित में खेती के मौसम में मनरेगा मद से कार्य कराये जाने पर रोक लगाने संबंधी स्पष्ट निर्देश शासन जारी करे ।

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