छत्तीसगढ़

किसानों की सभी मांगें माने जाने पर छत्तीसगढ़ में भी जश्न का माहौल

रायपुर। तीनों कृषि बिल की वापसी एवं समर्थन मूल्य को कानूनी गारंटी प्रदान करने , नया बिजली बिल विधेयक को वापस लेने की मांग पर पिछले 1 वर्षों से दिल्ली बॉर्डर पर किसान आंदोलन रत थे जिसे पूरे देश के किसान सहित छत्तीसगढ़ के किसानों ने बढ़ चढ़कर समर्थन दिया था इसी बीच किसानों ने ट्रैक्टर रैली ,भारत बंद,रेल रोको आंदोलन,घेराव ,सड़क जाम, किसान महापंचायत, धरना प्रदर्शन किया गया।

किसान नेता पारसनाथ साहू ने कहा कि किसान कड़कड़ाती ठंड बारिश एवं तेज गर्मी में भी आंदोलन जारी रखा आंदोलन के दौरान 700 से अधिक किसान शहीद भी हो गए पीड़ित शोषित किसानों ने विश्व रिकार्ड कायम करते हुए अड़ियल सरकार को झुकने के लिए मजबूर कर दिया ।तीनों काले कानून को किसान हित में बताने वाले तथा एमएसपी था है और रहेगा कहने वाले उल्टे किसानों पर ही तरह-तरह के आरोप लगाते रहे किंतु किसानों की एकता व ताकत का प्रभाव आगामी चुनाव में पढ़ते देख तीनों काले कानून वापस तो लेना पड़ा सरकार के साथ किसान संगठनों के बीच समझौता से आंदोलन समाप्ति की घोषणा किए जाने पर छत्तीसगढ़ में भी जश्न का माहौल रहा।

ज्ञात हो कि आज से किसानों की रवानगी चालू हो रहा है, किसान नेता पारसनाथ साहू ,गोविंद चंद्राकर, झनक राम आवडे़, बल्लू योगेश चंद्राकर, गजेंद्र सिंह कोसले , श्रवण चंद्राकर ने कहा कि एमएसपी पर कानून बनने के बाद अगले सत्र से इसका लाभ किसानों को मिलने लगेगा तथा लाभकारी मूल्य मिलने का दरवाजा अब खुलने लगेगा, किसान पुनः गुलामी की चंगुल में फंसने से बच गया, किसानों को हर प्रकार की आने वाली समस्याओं पर अब किसान पूरे जोश के साथ लड़ेगा तथा सरकार द्वारा किए वादों की परिपालन की निगरानी तथा समीक्षा बैठकें निरंतर जारी रहेगी ताकि सरकार पर दबाव बना रहे।

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