क्राइमछत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़ मे गुटखा, गुड़ाखु के कालाबाजारी को लेकर देर रात एसडीएम ने व्यापारियो के यहां मारा ताबड़तोड़ छापा

गरियाबंद। रविवार देर रात गरियाबंद अनुभाग के अनुविभागीय अधिकारी विश्वदीप यादव ने गुटखा – गुड़ाखु के कालाबाजारी की शिकायत को लेकर नगर के कुछ व्यापारियो के गोदामो में औचक छापामार कार्यवाही की। एसडीएम ने देर रात व्यापारियो के दुकानो व गोदामो के ताले खुलवाए और दलबल के साथ गोदाम की जांच की लेकिन जांच में कुछ भी हाथ नही लगा। जिसके बाद अधिकारी बेरंग ही वापस लौटना पड़ा।

इधर रविवार बंद के दिन दुकान और गोदाम खुलवा कर छापामार कार्यवाही को लेकर व्यापारियो में जमकर आक्रोश दिखा। जांच के दौरान भी व्यापारियो नाराजगी जताई। इधर छापामार कार्यवाही में कुछ भी हाथ नही लगने के बाद रात में एसडीएम यादव मीडिया के सवालो से बचते नजर आए। वही व्यापारियो से उन्होने से इसे रूटिंग जांच बताया। जांच के दौरान तहसीलदार दुबे तथा जिला खाद्य अधिकारी तरूण बिरला भी मौजुद थे।

ज्ञात हो कोरोना के बढ़ते मामले और लाकडाउन लगने की संभावना के चलते जिले में लगातार गुटखा गुड़ाखु और खाद्य सामाग्रियो के दाम बढ़ने की अफवाहे उड़ रही है। जिसके चलते गुटखा गुड़ाखु के कालाबाजारी होने की शिकायते भी सामने आने लगी है। इसे देखते हुए रविवार रात अचानक ही एसडीएम विश्वदीप यादव ने नगर के व्यापारियो के गोदामो में छापामार कार्यवाही कर दी। कार्यवाही के पहले एसडीएम के पास कालाबाजारी के ठोस जानकारी नही होने के चलते उन्हे बेरंग ही लौटना पड़ा। प्रशासन को मिली शिकायत झूठी निकली।

इधर अचानक हुई कार्यवाही से नाराज व्यापारियो ने एकजुट होकर सोमवार सुबह कार्यवाही के विरोध में नगर बंद का आव्हान किया। इसके लिए बकायदा कलेक्टर नीलेश क्षीरसागर को ज्ञापन भी सौंपा लेकिन कलेक्टर के समझाइश के बाद व्यापारियो ने अपना फैसला वापस ले लिया। कलेक्टर व्यापारियो से इस मामले में दो दिवस के भीतर बैठक करने का आश्वासन दिया। व्यापारियो ने कहा कि झूठी शिकायतो और जांच से व्यापारी वर्ग आहत है। समाज में उनकी छबि धूमिल हो रही है।

कार्यवाही के बाद सवालो के घेरे में प्रशासन

इधर कार्यवाही के बाद प्रशासन सवालो के घेरे में आ गया है। दरअसल शासन और जिला कलेक्टर से छापामार कार्यवाही के लिए किसी प्रकार के निर्देश जारी नही किए गए थे। एसडीएम ने सीधे छापामार कार्यवाही कर दी। प्रदेश में भी कालाबाजारी के हालत नही बने है ना कि जिले में ऐसी स्थिति निर्मित हुई है। कार्यवाही के बाद अधिकारियो को भी बेरंग लौटना पड़ा। सुत्रो के मुताबिक प्रशासन को पहले व्यापारियो की बैठक लेकर समझाइश देनी थी, जिसके बाद ठोस शिकायत और जानकारी मिलने के बाद भी छापामार कार्यवाही करनी थी। अचानक सप्ताहिकी बंद के दिन रात को ताला खुलवाकर छापामार कार्यवाही करने के पीछे क्या कारण था इसे लेकर प्रशासन ठोस जवाब नही दे सका।

कलेक्टर नीलेश क्षीरसागर ने कहा कि ज्यादा कीमत में सामान बेचने की शिकायत मिली थी। लोगो को सही कीमत सामान मिले और व्यापारी परेशान ना हो इसके लिए जल्द ही बैठक आयोजित की जाएगी। बंद की कोई स्थिति नही है। शिकायत के कारण बिती रात जांच की गई।

एसडीएम विश्वदीप यादव ने कहा कि शिकायत मिलने पर छापामार कार्यवाही की। शासन या उच्च अधिकारी के निर्देश नही थे। कार्यवाही में कुछ नही मिला। शिकायत झूठी मिलने के सवाल को टालते हुए उन्होने कहा कि कई जगहो से शिकायत आई थी इसलिए कार्यवाही की।

कलेक्टर से मिलने गए व्यापारी, देर राम छापामार कार्यवाही करते अधिकारी

गैर व्यापारी कर रहे गुड़ाखु पेटी की मांग, नही मिलने पर कर रहे झूठी शिकायत

इधर नाम ना छपने की शर्त पर कई व्यापारियो ने बताया कि नगर में उनके कोचिया व्यापारियो से ज्यादा गैर व्यापारी वर्ग के लोग बड़ी मात्रा में गु़ड़ाखु पेटी की मांग कर रहे है। मना करने पर यही प्रशासन में झूठी शिकायत कर रहे है। व्यापारियो ने बताया कि बिते कुछ दिनो से लगातार कई ऐसे लोग आ रहे है जो सीधे पांच – दस पेटी गुड़ाखु की मांग कर रहे है। इतना तो उनके कोचिया व्यापारी भी नही ले जाते। मना करने पर कार्यवाही की धमती देते है। व्यापारियो ने कहा कि व्यापारी वर्ग से भिन्न व्यक्तियो को इतने बड़े मात्रा में गुड़ाखु की जरूरत समझ से परे है।

ज्ञात हो कि पिछले लाकडालन में व्यापारियो से ज्यादा गैर व्यापारी तपके के लोगो ने गुटखा गुड़ाखु का स्टाक जमा कर जमकर मुनाफा कमाया था। जिसके चलते गुड़ाखु की कीमत सामान्य से कई गुणा बढ़ गई थी। इस बार मुनाफा कमाने के चक्कर में गैर व्यापारी वर्ग के लोगो ने व्यापारी से बड़ी मात्रा में गुड़ाखु की मांग कर रहे है। जिसके चलते व्यापारी वर्ग परेशान है। उपर से प्रशासन भी इस पर व्यापारी से चर्चा कर वस्तुस्थिति जानने के बजाय सीधे कार्यवाही करने जुट गया है।

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