शातिर एसईसीएल कर्मी के कारनामो से पीड़ित परिवार न्याय पाने दर-दर भटकने को मजबूर, फिर भी नही छोड़ी पुलिस की आश….
कोरबा। कटघोरा:- अपने मुँह मियां मिट्ठू बना शातिर एसईसीएल कर्मी अपने पैरों की कीचड़ दुसरो पर छिटका कर बगुला भगत बना बैठा है। यह शातिर व चालाक एसईसीएल कर्मी अपने फरेबी पैतरों से लोगो को ठगने व प्रताड़ित करने विशेषज्ञ जाहिर होता है, अगर इसके अनैतिक कार्यो में कोई आवाज उठाए तो ये उन्हें उलूल-जुलुल फर्जी मामलों में फसाकर सयाना बनने का प्रयास करता है। आइये जानते हैं आखिर कौन है यह एसईसीएल कर्मी?
दअरसल कटघोरा से महज पांच किलोमीटर की दूरी पर स्थित ढेलवाडीह कॉलोनी का यह पूरा वाक्या है यहाँ निवासरत एसईसीएल कर्मी विदेशी सेट्ठी पिता रामु सेट्ठी का पूरे कालोनी में बोलबाला है। इसने पिछले वर्ष कॉलोनी के ही एक खूंटे परिवार से अनुकंपा नौकरी लगाने के नाम पर शातिराना अंदाज में नौकरी लगाने के पूरे दावे के साथ 02 लाख रुपये की नगद राशि ले लिया था। कई माह बीत जाने के बाद जब खूंटे परिवार को नौकरी के सम्बंध में कुछ जानकारी नही मिली तो, इन्होंने विदेशी सेट्ठी से संपर्क कर नौकरी लगाने वाली बात याद दिलाई, तब सेट्ठी इनके साथ टालमटोल करने जैसी हरकत करने लगा। खूंटे परिवार को यह समझने में देर नही लगी कि अब विदेशी सेट्ठी घुमा रहा है। लिहाजा खूंटे परिवार ने अपनी आप बीती शिकायत कटघोरा पुलिस व अजाक थाने में समक्ष पेश की, जिस पर विदेशी सेट्ठी हड़बड़ा गया और इसने अपने आकाओं की मदद ली, जिस पर सेट्ठी के हुक्मरानों ने इसे शातिरनुमा तरकीब बताकर अपना उल्लू सीधा करने का अवसर तलाश लिया और इन्होंने एक शातिर चाल को अंजाम देकर खूंटे परिवार से विकास खूंटे को बरगलाकर अजाक थाने में दी शिकायत को 20.रु के स्टाम्प में दो लाख रुपये प्राप्त कर लिया हूँ विकास खूंटे से शपथ पत्र निष्पादित करवा लिए और रुपये घर आकर देंगे कहकर विकास को घर भेज दिए। पर इनमें से कोई भी आजपर्यंत तक इनके घर रकम लेकर नही पहुंचा। इस पूरे शातिर खेल में कुछ समाजसेवा का चोला ओढ़े फरेबी समाजसेवक भी अपने जालसाजी कारनामो को अंजाम देने प्रयासरत है।
एसईसीएल कर्मी विदेशी सेट्ठी की कहानी यही समाप्त नही होती सूत्र बताते हैं कि सेट्ठी बड़े पैमाने पर कॉलोनी में रसुखदारी का गैरकानूनी धंधा भी करता है। जिस वजह से कई लोग इसके कारनामो से कई दफा जलील भी होते हैं। वर्ष 2016-17 में रसुखदारी को लेकर सेट्ठी जेल की हवा भी खा चुका है, अब भला ऐसा व्यक्ति कितना शातिर होगा यह सहज ही समझा जा सकता है। यह 20.रु के शपथ पत्र को एक तरफ फर्जी भी बता रहा है और एक तरफ शपथ के अनुसार रुपये देने की बात भी कह रहा है। अब क्या सच है और क्या झूठ यह तो समझ से परे है। बता दे कि ये सब सेट्ठी ने स्वयं दी शिकायत में जाहिर किया है। इस पूरे खेल में आज भी खूंटे परिवार अपने साथ हुए ठगी पर आंसू बहाने को मजबूर हैं।
जब खूंटे परिवार को न्याय नही मिला तो खूंटे परिवार ने जिला पुलिस अधीक्षक के समक्ष लिखित शिकायत प्रस्तुत कर न्याय की गुहार लगाई जिस पर शातिर विदेशी सेट्ठी के कान खड़े हो गए और इसे लगा कि अब मेरा भांडा फुट सकता है, लिहाजा सेट्ठी मासूम बन कर खूंटे परिवार से मिलने इनके घर पहुँचा और हाथ पांव जोड़कर 50-50 हजार के दो चेक चोरिनुमा तरीके से जबरन देकर मामला रफा-दफा करने की बात कहकर खूंटे परिवार को एक बार फिर बरगलाने की कोशिश किया। पर खूंटे परिवार इसके इरादों को पहले ही भांप चुका था, लिहाजा खूंटे परिवार इस बार इसके बहकावे में नही आया और कोरबा पुलिस पर भरोसा कर न्याय पाने का इंतजार करने लगा।
इस पूरे मामले को लेकर खूंटे परिवार के परिचित लोगो ने मीडिया बंधुओ को समस्या बताकर उचित मार्गदर्शन हासिल किया जिस मीडिया कर्मियों ने इन्हें कानून का सहारा लेकर न्याय पाने का रास्ता बताया था। जिस पर खूंटे परिवार पुलिस से संपर्क कर न्याय पाने भटक रहा है। इस बीच सेट्ठी के हुक्मरानों ने सेट्ठी को बताया कि कुछ मीडिया कर्मी खूंटे परिवार को सही रास्ता बताकर हमारे कार्य मे बाधा उतपन्न कर रहे हैं तो सेट्ठी एक बार फिर अपना शातिर दिमाग लगाकर अपने पापों व करतूतों को मीडियाकर्मियों पर डाल कर उन्हें फर्जी पत्रकार व उलूल-जुलुल अनगर्ल आरोपो के साथ फसाने का प्रयास कर रहा है। पर, शायद शेट्ठी यह भूल गया कि “सांच को आंच नही” सत्य परेशान हो सकता है पर पराजीत नही, कोरबा पुलिस अपने कार्यो से जानी जाती है जल्द ही पुलिस पानी का पानी और दूध का दूध कर देगी।
सेट्ठी के कारनामे अक्सर ढेलवाडीह कॉलोनी के गलियारों में सुने जा सकते हैं गलियारों में यह चर्चा जोरों पर है कि इस दफा सेट्ठी अपने आका काकाओ के फेर में बुरी तरह से फस सकता है? ढेलवाडीह कॉलोनी का खूंटे परिवार पूर्व से ही पारिवारिक यातनाओं से घिरा हुआ है दरअसल कोरोना काल मे खूंटे परिवार के मुखिया का निधन हो चुका है, अब परिवार में पत्नी दो पुत्र व एक पुत्री हैं जो अपने बीते दिनों को याद कर बिलख उठते हैं वंही सेट्ठी व इनके गुर्गों की प्रताड़ना आखिर कितना सही है, यह हमें व आपको समझना होगा। अब आमजन भी कोरबा पुलिस से आश लगाए न्याय संगत कार्यवाही के इंतजार में है।