छत्तीसगढ़

प्रदेश में इस साल धान खरीदी का तोड़ा रिकार्ड, 97.97 लाख मीट्रिक टन धान

रायपुर। छत्तीसगढ़ में 1 दिसंबर से शुरु हुई न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर धान खरीदी 7 फरवरी को समाप्त हो गई। शाम तक सामने आए आंकड़ों के मुताबिक करीब 98 लाख मीट्रिक टन की खरीदी की गई है। धान बेचने वाले किसानों के खातों में 19 हजार करोड़ रुपए ट्रांसफर किए गए है। यह राशि न्यूनतम समर्थन मूल्य की राशि के हैं। धान पर राज्य सरकार द्वारा दी जाने वाली प्रोत्साहन राशि चार किस्तों में अगले साल की जाएगी।

105 लाख मीट्रिक टन का था लक्ष्य

राज्य सरकार ने 2022-23 के लिए 105 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी का लक्ष्य रखा था। इस हिसाब से करीब 7 लाख टन धान कम आया है। राज्य में एमएसपी पर धान बेचने के लिए 24 लाख किसानों ने पंजीयन कराया था,इनमें से 22 लाख से अधिक किसानों ने धान बेचा है। करीब तीन लाख किसानों ने धान नहीं बेचा। पूर्व के वर्षों में भी पंजीयन कराने वाले सभी किसानों ने कभी धान नहीं बेचा। हालांकि राज्य सरकार ने पिछले साल 92 लाख मीट्रिक टन धान खरीदा था। इस साल जितनी खरीदी की गई है, उतनी अब से पहले कभी नहीं की गई।

टोकन वाले किसानों से होगी खरीदी

धान खरीदी के संबंध में खाद्यमंत्री अमरजीत भगत ने कहा है कि सरकार धान खरीदी के लक्ष्य के करीब है। अब तक 95 फीसदी धान खरीदी हो चुकी है। जिन किसानों का टोकन कटा है, उनका धान खरीदा जाएगा। धान खरीदी की तारीख बढ़ाने की आवश्यकता नहीं है। उन्होंने कहा कि इस बार भी प्रदेश में रिकॉर्ड धान खरीदी की गई है।

आखिरी दिन साढ़े 7 हजार टोकन जारी किए गए

सोमवार 7 फरवरी को धान खरीदी का आखिरी दिन था। इस दिन धान खरीदी के लिए साढ़े 7 हजार टोकन जारी किए गए थे। लेकिन आखिरी दिन 6 हजार 426 किसानों ने ही धान बेचा। 27 जनवरी से लेकर अब तक धान बेचने वाले किसानों की संख्या में लगातार कमी हो रही थी। इससे अंदाजा लगाया जा रहा था कि अब धीरे धीरे धान बेचने वाले किसान कम हो रहे हैं।

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