छत्तीसगढ़

प्रदेश में महिलाओं को पुलिस ने दिया ‘अभिव्यक्ति’ का तोहफा, कैसे करेगा काम.. जानिए

रायपुर। छत्तीसगढ़ पुलिस ने महिला सुरक्षा के दृष्टिकोण से शनिवार को पुलिस परेड ग्राउंड में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से ‘अभिव्यक्ति’ एप लांच किया है। इस एप की मदद से पेनिक होने पर SOS का बटन दबाते ही डायल 112 की टीम महिला तक पहुँच जाएगी। इतना ही नहीं इस एप के जानिए महिलाएं बिना थाना में आये शिकायत भी दर्ज करा सकेंगी। साथ ही महिला अपनी सुरक्षा के संबंध में सुझाव दे सकेंगी। इसके आधार पर पुलिस महिलाओं की सुरक्षा के लिए रणनीति बना सकेगी।

 

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस अवसर पर कहा कि छत्तीसगढ़ में किसान और जवान दोनों की जय-जय हो रही है। जवानों की ड्यूटी की वजह से हम चैन से सो पाते हैं। कोरोना काल में कर्तव्यों के निर्वहन में अधिकारियों ने पूरे देश में मिसाल कायम किया है। पुलिस परिवार बधाई का पात्र है। आम लोगों का विश्वास छत्तीसगढ़ पुलिस ने हासिल किया है।

बघेल ने आगे कहा पुलिस ने चुनौतियों का सामना किया और अपराधियों के मांद में घुसकर सफलता अर्जित की है। कालीचरण की गिरफ्तारी पर छत्तीसगढ़ पुलिस बधाई की पात्र है। जवानों की कुशलता को पूरे देश ने देखा। मुझे इस बात की प्रसन्नता है कि हमने चुनौतियों को स्वीकार किया और सफलता भी प्राप्त किया।

भूपेश ने कहा चाहे वह बिलासपुर अपहरण हो और भिलाई अपहरण की बात हो पुलिस ने उनके मांद में घुसकर सफलता अर्जित की। NCRB द्वारा देश में दूसरा स्थान मिला इसलिए भी बधाई। बाहर के लोग हमेशा नक्सली के बारे में बात करते थे लेकिन पिछले तीन साल में हमने ये छवि बदली है। सभी का विश्वास हमने जीता है। प्रदेश के बारे में चर्चा होती थी कि नक्सली दहशत से भरा है, यह सोच हमने बदली है, सभी का विश्वास जीता है, लोग अब नक्सली नहीं विकास की बात करते हैं।

भूपेश बघेल ने कहा अब बस्तर के लोग विकास की ओर उम्मीद भरी निगाहों से देख रहे हैं कि हमारे यहाँ सड़के, अस्पताल, स्कूल, पीडीएस दुकान, ट्यूबवेल जैसी सुविधाएं पहुँच रहीं हैं। नक्सली समस्या सामाजिक, राजनीतिक, आर्थिक समस्या है। अब हम नक्सलियों के कोर सेक्टर में मौजूद हैं जिससे उनके हौंसले पस्त हुए हैं, विकास की किरणें प्रत्येक जगह पहुंच रही हैं, पुलिस को लोग दुश्मन नहीं दोस्त मान रहे हैं।

बघेल ने कहा सुकमा का अधिकांश हिस्सा नक्सलियों से मुक्त हो चुका है। पुल बनने से लोगों का आवागमन भी शुरू हो गया है। वनवासी लोगों के लिए पुलिस, डाक्टर, शिक्षक, मित्र जैसे भूमिका में दिखाई दे रही है। बिना खून बहाए नक्सलियों का सफाया हो, प्रदेश तरक्की करे यही हमारी सोच है।

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