छत्तीसगढ़

तीज त्यौहार के नाम पर छत्तीसगढ़ीयो को ठग रहे है मुख्यमंत्री भूपेश बघेल : मनहरे

रायपुर। छत्तीसगढ़ की सरकार छत्तीसगढ़ की तीज त्यौहार और परंपराओं के नाम पर केवल ढकोसला करती है। यह बातें नशा मुक्ति अभियान के प्रदेश प्रभारी वेदराम मनहरे ने कहीं। भूपेश सरकार पर आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि कांग्रेस की सरकार ने पहले नरवा गरवा घुरवा बाड़ी का प्रोजेक्ट लाया था जिसे कांग्रेस अन्य राज्यों में भी लागू कराना चाहती थी। लेकिन कांग्रेस का यह प्रोजेक्ट पूरा फेल साबित हुआ आज स्थिति यह है कि प्रदेश में जितने भी स्थानों पर नहर और नाली का निर्माण हुआ और जो विकास हुआ वह भाजपा सरकार की देन थी, उसी में ही कांग्रेस थूक पालिश कर अपना नाम दे रही है गौ माता को एक ही स्थान मिले इसके लिए गौठान का निर्माण किया गया लेकिन आज उनका उठाने का बुरा हाल है।

पंचायतों के सरपंचों को गौठानों का पैसा आज तक नहीं मिल पाया गौठान के नाम पर कांग्रेस की सरकार ने केवल पैसों का बंदरबांट किया है। वही भूपेश सरकार ने छत्तीसगढ़वासियों को रिझाने के लिए एक और खेल खेला उनके द्वारा रोका छेका उत्सव मनाने की पहल की गई उसमें भी उत्सव के नाम पर शासकीय पैसों का दुरुपयोग किया गया। छत्तीसगढ़ में रहने वाले भाई बहन जिनके यहां गौ माता का पालन पोषण किया जाता है, उनके द्वारा खुद ही खेतों में बोनी के बाद से गौ माताओं को घर के कोठे में रोका जाता है वही गौ माता को चराने वाल चरवाहा के द्वारा शुरुआत से ही रोका छेका की व्यवस्था की जाती है। लेकिन भूपेश सरकार इसमें भी अपना वाहवाही लूटने के लिए रोका छेका का का नाम दे दिया पर यह परंपरा पहले से ही चली आ रही है जिसे छत्तीसगढ़ के भाई-बहन बखूबी निभाते हैं। बाद में छत्तीसगढ़िया बहन बेटियों को रिझाने के नाम पर ही तीजा पोला महोत्सव मनाया गया पर उसमें भी गिने-चुने बहन बेटियों को ही बुलाया गया जो बड़े पदों पर बैठे हैं या फिर जो मुख्यमंत्री के ही खासम खास है सरकार इतने ही छत्तीसगढ़ के भाई बहनों के प्रति चिंतित है और छत्तीसगढ़ के त्योहारों के प्रति उनकी सोच विचार है तो छत्तीसगढ़ के भाई बहनों को उनके पैरों में खड़ा करें उनके आर्थिक स्थिति में सुधार करें।

भूपेश सरकार अब छत्तीसगढ़ की जनता को रिझाने के लिए बोरे बासी का प्रोजेक्ट लॉन्च करने वाली है उनको लग रहा है कि इस प्रोजेक्ट से छत्तीसगढ़ के भाई बहन भूपेश सरकार को बेहतर समझेंगे। वेदराम हरे ने कहा कि भूपेश सरकार छत्तीसगढ़वासियों की इतनी ही देसी है और छत्तीसगढ़ की संस्कृति और परंपरा को इतना ही महत्व देती है तो प्रदेश भर में जितने भी रामायण, महाभारत, पंडवानी, पंथी, आदिवासी नृत्य के साथ जितने भी प्रकार के नृत्य छत्तीसगढ़ में मानस मंडलीयों के साथ विभिन्न मंडलियों के अंतर्गत किया जाता है उन्हें आगे बढ़ाने में ध्यान देते उनका आर्थिक उत्थान करते। राजीव मितान क्लब के नाम पर कांग्रेस के कार्यकर्ताओं को जो पैसा सरकार बांट रही है, वह पैसा जो छत्तीसगढ़ की संस्कृति और परंपराओं को बचाकर विभिन्न मंडलियों के माध्यम से गांव-गांव और विभिन्न मंचों में जाकर धर्म – कर्म का प्रचार – प्रसार करने वाले भाई बहनों के मंडलियों को दिया जाना चाहिए जिससे उनका आर्थिक उत्थान हो सके और वे हमारे छत्तीसगढ़ की संस्कृति और परंपरा को जीवित रख सके मगर भूपेश सरकार केवल अपने कांग्रेस के कार्यकर्ताओं को राजीव युवा मितान क्लब के माध्यम से फायदा पहुंचाना चाहते हैं। बाकी जो हमारे अनेक प्रकार के कलाकार भाई बहन हैं उन्हें कोई फायदा नहीं पहुंचाना चाहते केवल वाहवाही लूटने के लिए छत्तीसगढ़वासियों से भेदभाव करते हुए अपनी राजनीतिक रोटी छत्तीसगढ़ के तीज त्यौहार और पर्व के नाम पर सीख रही है। उन्होंने यह भी कहा कि छत्तीसगढ़ में हर गांव में हमारी माताओं बहनों का समूह है उन महिला समूह का भी आर्थिक उत्थान भूपेश सरकार को करना चाहिए राजीव युवा मितान क्लब में जैसे आर्थिक मदद अपने कार्यकर्ताओं को करते हैं।

उसी तरह हमारे महिला समूह के बहनों का भी आर्थिक मदद भूपेश सरकार करें यदि वे छत्तीसगढ़ीयों के हितैषी हैं तो गांव गांव में महिला समूह मितानिन समूह में पुरुष समूह युवा समूह को आर्थिक पैकेज देकर उनका उत्थान करें जिससे वे अपने पैरों पर खड़ा हो सके केवल वाह वाही लूटने के नाम पर तीज त्यौहार मना देने से भूपेश सरकार छत्तीसगढ़ियो के हितैषी नहीं बन जाती। बोरे बासी आज से नहीं बल्कि युगो युगो से चलते आ रहा है।आज भी हम गांव में जाकर देखेंगे तो गांव के सियान किसान मितान भाई बहिनी सभी बोरे और बासी खाते हैं। उसमें नई बात कुछ नहीं है यह केवल सरकार का एक दिखावा है कि हम छत्तीसगढ़ी हो की संस्कृति को मानते हैं लेकिन दिखावे और हकीकत में बहुत अंतर होती है।

वेदराम मनहरे ने यह भी कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को जिन जिन राज्यों का चुनावी प्रभार दिया गया था उन राज्यों में उनकी बुरी तरह से तरीके से हार हुई अब छत्तीसगढ़ की जनता को उन्होंने ठगा है। छत्तीसगढ़िया भाई बहनों को उन्होंने ठगा है, छत्तीसगढ़ की युवाओं को उन्होंने ठगा है, छत्तीसगढ़ के बिजली कर्मियों को उन्होंने ठगा है, छत्तीसगढ़ के मितानिन बहनों को उन्होंने ठगा है, छत्तीसगढ़ की माताओं को उन्होंने ठगा है, छत्तीसगढ़ के किसानों को उन्होंने ठगा है ऐसे ठगिया सरकार पर छत्तीसगढ़ वासियों का विश्वास भरोसा उठ चुका है। इसलिए छत्तीसगढ़ की लोक परंपरा और संस्कृति के नाम पर अगला चुनाव लड़ने की तैयारी भूपेश सरकार की है और उसमें जीत जाए इस तरह भ्रम पाल कर रखी हुई है। पिछले बार की चुनाव में किसानों के कर्ज माफी की बात कह कर चुनाव जीत गए और बाद में किसानों की ही खेती को कम कर दिया और किसानों का एक-एक दाना धान भी नहीं खरीद पाए धान का जो बोनस राशि दिए उसे भी 1 साल में घुमा-घुमा कर रुला-रुला कर किसानों को दिया गया। मितानिन बहनों को मिलने वाले पैसों में भी कटौती कर दी गई ऐसी सरकार फिर से छत्तीसगढ़ में सरकार बनाने का सपना देख रही है जिसे छत्तीसगढ़ की जनता सहन नहीं करेगी बल्कि इस ठगिया सरकार को सबक सिखाएगी ।

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