छत्तीसगढ़

अक्ती तिहार पर माटी पूजन, सीएम भूपेश बघेल बोले- गोबर के बाद अब गौमूत्र भी खरीदेंगे

रायपुर। धरती और प्रकृति की रक्षा करने के संकल्प के साथ मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज छत्तीसगढ़ में माटी पूजन महाभियान की शुरुआत की। इसके तहत राज्य में जैविक खेती को बढ़ावा दिया जाएगा। इस मौके पर सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि यदि हम धरती माता की सेवा करेंगे तो धरती माता भी हमारा ध्यान रखेंगी। उन्होंने ये भी कहा कि अब तक 68 लाख क्विंटल गोबर खरीदी गई है, अब गौमूत्र भी खरीदेंगे।, जैविक खेती प्रकृति, धरती माता और पशुधन की सेवा है, जो मानव समाज को भी सुरक्षित रखेगी।

अक्ति तिहार और माटी पूजन दिवस के मौके पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पारंपरिक धोती और कुर्ता पहनकर धरती माता की पूजा-अर्चना की और प्रदेशवासियों की खुशहाली की कामना कर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने माटी पूजन के दौरान सबसे पहले कोठी से अन्न लेकर ठाकुर देव को अर्पित किया।इस अन्न दोने से बीजहा लेकर खेत में बीजारोपण किया। मुख्यमंत्री बघेल ने अक्षय तृतीया के अवसर पर खेत में हल और ट्रेक्टर चलाकर बीजों का रोपण भी किया।

मंत्री भूपेश बघेल का स्वागत सरायपाली के किसान चमार सिंह पटेल ने हल्दी की माला पहनाकर किया।विश्वविद्यालय के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. गजेन्द्र चंद्राकर ने मखाना की माला पहनाकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का स्वागत किया।

सीएम ने 6.23 करोड़ रूपये की लागत से तैयार किए गए कृषि अभियांत्रिकी और प्रौद्योगिकी महाविद्यालय के नवीन भवन और जैविक दूध उत्पादन हेतु डेयरी का लोकार्पण किया। मुख्यमंत्री ने कृषि विश्वविद्यालय की ओर से विकसित किए गए कृषि रोजगार मोबाइल एप्लिकेशन का लोकार्पण किया। उन्होंने सटीक मौसम पूर्वानुमान के लिए डॉप्लर तकनीक का शिलान्यास किया।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अक्ती तिहार और माटी पूजन दिवस के मौके पर समारोह में मौजूद लोगों को धरती माता की रक्षा की शपथ दिलाई।

“हमारी माटी, जिसे हम माता भुइयां कहते हैं, उसकी रक्षा करेंगे। हम अपने खेत, घरों, और बगीचों में जैविक खाद का उपयोग करेंगे। हम ऐसा कोई काम नहीं करेंगे जिससे मिट्टी, जल और पर्यावरण की सेहत खराब हो। हम भूमि में रासायनिक और नुकसानदेह केमिकल का प्रयोग नहीं करेंगे। जय भुइयां, जय छत्तीसगढ़ महतारी।”

इस मौके पर सीएम ने कहा कि “आज पूरी दुनिया ग्लोबल वार्मिंग से चिंतित है, मैं पूरी दुनिया से कहना चाहता हूं कि हमने इससे निपटने की तैयारी शुरू कर दी है। इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय की स्थापना 1987 में हुई थी. आज 35 साल में लगभग 110 तरह के बीज हमारे विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने तैयार किए हैं. लेकिन उससे भी बड़ी बात है कि हमारे छत्तीसगढ़ के किसानों ने 23 हज़ार क़िस्म के बीज तैयार किया है, यह बताता कि हमारे किसान भी वैज्ञानिक सोच रखते थे।”

कृषि महाविद्यालय में आयोजित अक्ती तिहार और सम्मान समारोह में मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के अलावा कृषि मंत्री रविंद्र चौबे, मुख्यमंत्री के कृषि सलाहकार प्रदीप शर्मा, छत्तीसगढ़ राज्य कृषक कल्याण परिषद के अध्यक्ष सुरेन्द्र शर्मा, इंदिरा गाँधी कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति गिरीश चंदेल, आयुक्त उत्पादन कृषि विभाग कमलप्रीत सिंह सहित बड़ी संख्या में कृषकगण मौजूद रहे।

 

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