छत्तीसगढ़

जनपद एवं जिला पंचायत सदस्यों के ठेकेदार बनने से, केवल नाम के रह गये हैं सरपंच

पलारी। बुधवार को पलारी विकास खंड सरपंच संघ के अध्यक्ष चरण दास तेहरवंश द्वारा प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बताया कि आज पलारी विकास खण्ड की सरपंचों की हालत बहुत खराब हो चुका है।इस योजना में किसी भी ग्राम पंचायतों के सरपंच को सरपंच टाइप नही लग रहा है।

इनका मेन कारण है,छेत्र के जन प्रतिनिधियों द्वारा ठेकेदारी प्रथा शुरू करना, जैसे जनपद सदस्य अपने- अपने छेत्र में अपने मद की राशि का स्वयं काम करा रहे है।उसी प्रकार जिला सदस्य भी अपने मद की राशि का काम करा रहे है, यहां तक की विधायक मद की राशि का यही हाल है।

आज बहुत से पंचायतों में मंडी बोर्ड से काम स्वीकृत हुवा है उसे ठेकादार भी करा रहा है, जो आज सरपंचों के साथ खिवाड़ हो रहा है जो नही होना चाहिए ।

हमारे प्रदेश के मुखिया भूपेश बघेल सरपंचों को 50 लाख तक की स्वीकृत कार्य को करा सकने की आदेश प्रदान कर चुका है।उसके बाद भी शासन प्रशासन ठेकादारी से काम को कराया जा रहा है, शासन प्रशासन मौन है।

सरपंच लोग छत्तीसगढ़ शासन के महत्वकांछी योजना नरवा गरूवा घूरवा बड़ी एव गौठान की सभी कार्य मनरेगा से होता है, आज पलारी विकास खंड में मनरेगा की मटेरियल पेमेंट 2 साल तक नही हो पाया है, कर्ज में सरपंच लोग डूबा हुये है।सरपंच कर्ज में मर रहे है इसकी चिंता किसी को भी नही है, शासन प्रशासन मौन है।आज पलारी विकास खंड विकास की नाम से ढप पड़ा हुवा है।आखिर सरपंच करे तो करे क्या?

मैं हमारे छेत्र के विधायक संसदीय सचिव सुश्री शकुंतला साहू जी से एवम हमारे प्रदेश की मुख्या से मांग करता हु की सरपंचों को अधिक से अधिक राशि विकास कार्य के लिया दिया जाय और जनपदनिधि, जिलानिधि, विधायक निधि की राशि का कार्य एवम 50 लाख तक की स्वीकृत कार्य को सरपंच स्वयं करा सके।
चाहे मंडी बोर्ड का काम क्यों न हो।

उक्त प्रेसविज्ञप्ति का सरपंच संघ के संरक्षक हीरा सिंह खंडेलवाल , उपाध्यक्ष सूखदास बंजारे, श्रीमति दोलेश शिवदयाल साहू , प्रवक्ता श्रीमती रूखमणी तेहरवंश, खिलेंद्रकुमार पात्रे, गणेश शंकर जायसवाल, श्रीमति गायत्री चेतन कन्नौजे, श्रीमति किरण संतोष बघेल, कामराज वर्मा, बिसवहा गायकवाड, विशेसर वर्मा, श्रीमति हीरामणि, बसंत जांगड़े सहित 103 ग्राम पंचायतों के सरपंच ने समर्थन किया।

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