छत्तीसगढ़

प्लास्टिक की इन चीजों के इस्तेमाल पर 1 जुलाई से होगी पाबंदी, चेक करें लिस्ट

तिल्दा नेवरा। एक जुलाई से सिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगाए जाने की सरकार द्वारा घोषणा की गई है। इस सरकारी फरमान से सिंगल यूज प्लास्टिक के सामान बेचने वाले व्यापारी की दुकान अब खाली खाली-खाली दिखने लगी है। दुकानदार सिंगल यूज प्लास्टिक पर बैन लगने से चिंतित हैं कि आखिर अब वे कौन सा नया व्यवसाय शुरू करें।

प्लास्टिक के सामान बेचने वाले श्रीचंद बालचंदानी ने 30 साल पहले पन्नी बेचने का काम शुरू किया था। उसके बाद सिंगल यूज़ प्लास्टिक सामानों का ट्रेड चल पड़ा और बेचने के लिए लगातार नई दुकानें खुलती गई। श्रीचंद ने बताया कि पिछले 20 दिनों से उन्होंने सामान लाना बंद कर दिया है, जो सामान रखा हुआ है उसे वे बेच रहे हैं। उनका कहना है शासन को दुकानदारों को दुकान में रखे सामान को बेचने के लिए मोहलत देनी चाहिए, ताकि उनका सामान बिक जाए। और उत्पादन करने वाले फैक्ट्रियों पर तत्काल प्रतिबंध लगाया जाए, ताकि नया सामान बनाकर बाजार में न भेजें। इससे हम जैसे दुकानदार घाटे से बचे जाएंगे अन्यथा दुकान बंद होने के साथ लाखों रुपए का नुकसान उठाना पड़ेगा। श्याम वाधवा ने कहा कि सिंगल यूज प्लास्टिक बेचने वाले दुकानदार को पास लाखों का सामान पड़ा हुआ है। यदि 1 जुलाई से सामान की बिक्री पर रोक लगाई जाती है तो दुकानदार दुकान बंद करने के साथ कर्जे में डूब जाएंगे।

उल्लेखनीय है देश में सिंगल यूज प्लास्टिक पर बैन को लेकर केंद्र सरकार ने तैयारी पूरी कर ली है। इसके लिए सरकार ने केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के साथ मिलकर कानून बनाए हैं। सीपीसीबी ने इसके लिए कई सारे उपायों को अपनाया है। प्रदूषण बोर्ड ने स्पष्ट किया है कि 1 जुलाई से यदि सिंगल यूज प्लास्टिक की बिक्री देखी गई, तो सख्त कार्रवाई की जाएगी। इसके तहत सिंगल यूज प्लास्टिक आइटम के मैन्यु फैक्चरिंग, इंपोर्ट, स्टॉकिंग, डिस्ट्रीब्यूशन, बिक्री और इस्तेमाल पर पाबंदी लगाई गई है।

क्या है सिंगल यूज प्लास्टिक-

वह प्रोडक्ट जिसे एक बार इस्तेमाल किया जा सकता है। यह आसानी से डिस्पोज नहीं होता। सिंगल यूज वाले बोतलें, पॉलिथीन, फेस मास्क, कॉफी कप, क्लिंग फिल्म, कचरा बैग और फूड पैकेजिंग जैसी चीजें आती हैं।

प्लास्टिक स्टिक सहित ईयर बड, गुब्बारों में इस्तेमाल होने वाली स्टिक, चाकलेट कैंडी स्टिक, आइस्क्रीम स्टिक, सजावट में उपयोग होने वाले थर्माकोल, प्लास्टिक व थर्माकोल से बने प्लेट, कप, गिलास फोर्क, चम्मच, स्ट्रा व ट्रे, मिठाई के बक्से, निमंत्रण पत्र, सिगरेट पैकेट को कवर करने वाली पैकिंग फिल्म, प्लास्टिक स्टीकर्स, 100 माइक्रान से कम मोटाई वाले प्लास्टिक व पीवीसी के बैनर आदि। इन वस्तुओं का इस्तेमाल नहीं करने के लिए लोगों को जागरूक किया जा रहा है।

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